Allahabad इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार को बहराइच के महाराजगंज कस्बे में पिछले रविवार को हुई हिंसा के बाद अतिक्रमण पर कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर तय की है, तब तक रोक जारी रहेगी। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि 23 अक्टूबर तक पूरे मामले की जांच की जाएगी।
शुक्रवार को करीब 23 मकानों पर नोटिस चिपकाए गए, जिनमें अतिक्रमण हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। महसी तहसील के अंतर्गत महाराजगंज कस्बे के लोगों ने रविवार को पूरा दिन बुलडोजर की कार्रवाई के डर में बिताया। प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने के बावजूद लोग पूरे दिन डरे रहे। शनिवार को लोग खुद ही दुकानों और मकानों को तोड़ते नजर आए, यह सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव और राम गोपाल मिश्रा की हत्या की घटना के बाद महराजगंज कस्बे में अभी भी शांति है। मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घरों पर ध्वस्तीकरण नोटिस चिपकाए गए थे, जिसके बाद कस्बे में दहशत का माहौल था। हालांकि, पिछले दो दिनों में स्थिति बदल गई है और दुकानें खुलने लगी हैं। रविवार को कस्बे के मुख्य बाजार की कई दुकानें बंद रहीं। कस्बे के अंदर गलियों में स्थित बाजार का भी यही हाल रहा।