Lucknowलखनऊ: उत्तर प्रदेश में कहीं लगातार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बाढ़ से हालत बिगड़ गए है। वहीं कई इलाकों में अभी भी पर्याप्त वर्षा नहीं होने से किसान और जनता परेशान है। जिन जिलों में बारिश के कारण सबसे अधिक हालात बिगड़े हैं उसमें शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बरेली, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, अयोध्या, गोंडा और बलरामपुर शामिल हैं। इन जिलों में बाढ़ के चलते करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा पांच लोगों की जान गई। वहीं बहराइच में तीन, सीतापुर, पीलीभीत, बदायूं और श्रावस्ती में एक-एक जबकि बरेली व बलरामपुर में दो-दो लोगों की डूबने से मौत हो गई। वहीं प्रदेश के अन्य हिस्सों की बात की जाये तो यहां भी बिजली गिरने और बारिश से 52 लोगों को जान से हाथ छोना पड़ गया।
Shahjahanpur शहर बाढ़ की चपेट में आया तो यहां के 20 से अधिक मोहल्लों में गर्रा और खन्नौत नदियों का पानी घुस गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के 20 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं। दो हजार लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए सेना व एनडीआरफ की मदद लेना पड़ी। उधर, लखीमपुर खीरी में डेढ़ सौ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। लोग छतों पर आसरा लिए हुए हैं, वे खाने को भी तरस रहे है। हालांकि प्रशासन बाढ़ पीडितों की हरसंभव मदद का दावा कर रहा है। पीलीभीत शहर के बाद यहां के बीसलपुर कस्बे के पांच मोहल्लों और 60 गांवों में भी देवहा नदी का पानी घुस गया वहीं कलेक्ट्रेट व आसपास के सरकारी दफ्तरों में दो से तीन फुट पानी भरा होने के कारण कामकाज ठप रहा। उधर, बाढ़ प्रभावित श्रावस्ती व बहराइच में बुधवार को कुछ राहत मिली, लेकिन गोंडा व बलरामपुर में संकट बरकरार रहा।