दो राज्यों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना के तहत, अयोध्या में होगा रामायण महोत्सव तो गुजरात में मनेगा दीपोत्सव

एक भारत-श्रेष्ठ भारत और सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना के तहत उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के साथ करार किया है।

Update: 2022-07-30 05:34 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक भारत-श्रेष्ठ भारत और सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना के तहत उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के साथ करार (एमओयू) किया है। 10 हजार बच्चे रामायण कार्यशाला भी करेंगे

 एक भारत-श्रेष्ठ भारत और सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना के तहत उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के साथ करार (एमओयू) किया है। प्रदेश के संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की पहल पर प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम के निर्देशन में दिल्ली में शुक्रवार को यह एमओयू हुआ।
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा. लवकुश द्विवेदी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली की ओर से सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी के प्रतिनिधि के रूप में निदेशक प्रियंका मिश्रा के हस्ताक्षर इस एमओयू पर हुए। इस करार से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली के मुख्यालय सहित देश में उसकी सभी संस्थाओं के बीच शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का रास्ता खुल गया है।
इसी कड़ी में सबसे पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की गुजरात इकाई द्वारा गुजरात की रामलीला को अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में भेजने की सहमति हुई है। इसी क्रम में अयोध्या की रामलीला गुजरात में प्रस्ताव रामायण महोत्सव में भेजी जाएगी। संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश और भारत की रामायण चित्र शैली तथा थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया, श्रीलंका के चित्रकारों का अंतर्राष्ट्रीय शिविर का आयोजन किया गया। 10 हजार बच्चों की रामायण कार्यशाला भी कराई गई। आईसीसीआर के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय रामायण उत्सव का भव्य आयोजन प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है, जिसमें मुख्यमंत्री मण्डल के सभी सहयोगियों को लेकर रामलीला मंचन का आनन्द लिया।
उन्होंने बताया कि त्रिनिडाड, सूरीनाम एवं गयाना में एक साथ 21 दिन का रामलीला का प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन किया गया। मारीशस, फिजी, न्यूजीलैण्ड, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया आदि देशों में उत्तर प्रदेश की रामलीला टीम प्रदर्शन के लिए भेजी गई। इससे लगभग 400 कलाकारों को विदेश में रामलीला प्रस्तुतीकरण का अवसर प्राप्त हुआ।
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