जिला अस्पताल में एक बार फिर पांव जमाने लगे दलाल

सामान्य जांच के लिए भी करते हैं रेफर

Update: 2024-05-01 05:17 GMT

झाँसी: जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बीच मरीजों को रेफर करने का मामला खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. मेडिकल कॉलेज में हड्डी रोग के बाद अब नेत्र रोग विभाग ने भी जिला अस्पताल को आंखें तरेरा है.

मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि गोरखपुर और बस्ती मंडल के जिला अस्पतालों से बेवजह मरीज रेफर किया जा रहे हैं. आंखों की बेहद सामान्य बीमारी वाले मरीजों को मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जा रहा है. जिला कारागार से आंख का इलाज कराने पहुंचे मरीजों को भी मेडिकल कॉलेज भेज दिया जा रहा है. इसको लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एडी हेल्थ को कड़ा पत्र लिखा है.

प्राचार्य ने की शिकायत :मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया कि गोरखपुर और बस्ती मंडल के सरकारी चिकित्सालय में आंख के सामान्य बीमारी के मरीजों के इलाज में कोताही बरती जा रही है. उन्होंने बताया कि सीएमओ के अधीन बने दिव्यांग बोर्ड में नेत्र विकार के मरीजों को जिला अस्पताल में जांच नहीं की जाती. इसके साथ ही फिटनेस मेडिकल बोर्ड के मरीजों को भी बीआरडी रेफर किया जाता है.

जिला अस्पताल में एक बार फिर से दलालों की एंट्री शुरू हो गई है. दलाल एमआर व निजी अस्पताल के कर्मी बनकर पहुंच रहे हैं और इमरजेंसी से लेकर डॉक्टर तक सेटिंग बनाने में जुट गए हैं.

पिछले दिनों पुलिस हिरासत में रहा कथित एमआर एक बार फिर कैंपस में सक्रिय हो गया है. सूत्रों के अनुसार, वह अस्पताल में संविदा पर तैनात नए चिकित्सकों को साठगांठ कर चुका है. एक हड्डीरोग के विशेषज्ञ के पास भी वह दिनभर जमा रहता है.

जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात गार्ड के पास तीन दिन पहले दो युवक पहुंचे. उसे रुपये देने की पेशकश करने लगे. उनका अनुरोध सिर्फ इतना था कि गार्ड उन्हें बार-बार अंदर-बाहर आने-जाने से रोके नहीं. गार्ड की शिकायत पर प्रमुख अधीक्षक डा. राजेंद्र ठाकुर ने तत्काल पुलिस को सूचना दी. तब तक दलाल भाग गए.

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