कानपूर न्यूज़: पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने नकली नोट छापने वाले गैंग का खुलासा कर इंजीनियर समेत तीन को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 4.59 लाख के नकली नोट बरामद किए गए हैं. फिरोजाबाद में नोट छापने के बाद कानपुर के बाजार में खपाने के लिए लाए गए थे. गुडवर्क करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने 50 हजार इनाम की घोषणा की है.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि खेप शहर में खपाने की सूचना मिली थी. पुलिस ने एक आरोपित को ट्रेस किया और धर-दबोचा. पूछताछ में उससे पता चला कि काला कारोबार का काम फिरोजाबाद में चल रहा है. इसमें क्राइम ब्रांच को भी शामिल किया गया. संयुक्त टीम ने फिरोजाबाद में दबिश देकर दो अन्य आरोपितों को भी पकड़ लिया.
अनुज बीटेक और सौरभ पीएचडी अराव रोड अवध नगर सिरसागंज, फिरोजाबाद निवासी कुंवर अनुज कुमार उर्फ छोटू, गणपतिपुर थाना नगला खान फिरोजाबाद निवासी सौरभ सिंह और गुजैनी निवासी विमल चौहान को धरा गया है. अनुज भीलवाड़ा से टेक्सटाइल में बीटेक की डिग्री ले चुका है. सौरभ ने भूगोल से पीएचडी किया है और भट्ठे का कारोबार कर रहा है. विमल ने बीए किया है और खुद की गाड़ी चलाता है.
यू-ट्यूब से सीखा तरीका आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि यू-ट्यूब पर नोट बनाने के तरीके देखे. लगभग 50 वीडियो देखने के बाद सौरभ ने फिरोजाबाद में गोदाम का इंतजाम किया. अनुज ने कम्प्यूटर, स्याही और पेपर का जुगाड़ किया और उसके बाद नकली नोट का लेआउट बनाकर प्रिंट करना शुरू कर दिया. नोट बाजार में चलाने का जिम्मा विमल को सौंपा गया था. आरोपितों ने बताया कि अब तक कोई नोट नहीं खपा पाए, यह पहली खेप थी. हालांकि विमल से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि दूसरे शहरों में नोट खपाए जा चुके हैं. सौरभ और अनुज ने पूछताछ में बताया कि एक लाख रुपये के नकली नोटों के बदले 40 हजार के असली नोट लेने वाले थे.
परिवार में कई अफसर
पुलिस को पता लगा है कि आरोपित सौरभ सिंह का परिवार काफी सम्पन्न है. उसके परिवार में कई अफसर हैं, इनमें से एक बड़े अधिकारी हैं जो दूसरे प्रदेश में तैनात हैं. बताया जा रहा है कि फिरोजाबाद में उसकी करोड़ों रुपये की जायदाद भी है. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि इसके बारे में पुलिस के पास अधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं है, इसका सत्यापन करा लिया जाएगा.
500, 200,100 और 50 के नकली नोट छापते थे
पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह 500, 200,100 और 50 के नकली नोट छापते थे. उनके मुताबिक बड़े नोट चलाने में कुछ दिक्कत आती थी. पूछताछ में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. आरोपितों ने बताया कि नोट छपाई के धंधे में सबसे ज्यादा समय उस चमकीले तार पर लगता था जो नोट के बीच में डाले जाते हैं. एक नोट में तार की शक्ल देकर चमकीला कागज घुसाने में आरोपितों को पांच मिनट का समय लगता था. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक आरोपितों ने बताया कि वह चमकीले कागज का प्रयोग करते थे. उस पर ग्लू लगाने के बाद सुखाकर तार जैसी शक्ल दे देते थे. नोट छापने वाले कागज जीएसएम 45 को पाने का भी प्रयास किया था मगर वह प्रतिबंधित कागज होने की वजह से ए 4 साइज के 120 जीएसएम का पेपर इस्तेमाल कर रहे थे.
गिरोह में कोई और सदस्य शामिल है कि नहीं इस पर जांच की जा रही है. दूसरी एजेंसियां भी जांच कर रही हैं. पुलिस को आगे जो भी सबूत मिलेंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
- बीपी जोगदंड
पुलिस कमिश्नर कानपुर