गंगा के जलस्तर ने बढ़ाई वरुणा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की परेशानी, मंडराया बाढ़ का खतरा

गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से गुरुवार रात वरुणा नदी में पलट प्रवाह शुरू हो गया।

Update: 2022-08-19 03:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से गुरुवार रात वरुणा नदी में पलट प्रवाह शुरू हो गया। उधर यह स्थिति देख वरुणा तटवर्ती इलाके के लोगों की चिंता बढ़ गई है। वह रात में गृहस्थी सहेजकर सुरक्षित स्थानों व रिश्तेदारों के यहां शरण लेने लगे। उधर, जलमग्न हुए गंगा के घाटों पर पानी और चढ़ गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर 69.00 मीटर पर पहुंच गया है। हालांकि वह चेतावनी बिंदु से 1.262 मीटर और खतरे के निशान से 2.262 मीटर नीचे हैं। बढ़ाव की रफ्तार दिन में जहां दो सेमी प्रतिघंटे थी। वहीं शाम होते-होते तीन सेमी प्रतिघंटे पर पहुंच गई थी। अभी बढ़ाव जारी रहने की आशंका है।

पिछले वर्ष 18 अगस्त को गंगा का जलस्तर 67.35 मीटर पर थी। गंगा केजलस्तर में बढ़ोतरी से ढाब इलाके की खेती -किसानी पर संकट खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन ने जारी किया कंट्रोल रूम का नंबर: बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन कंट्रोल रूम का नंबर 0542-2508550 जारी करते हुए सम्बंधित इलाके के प्राधिकारी का नम्बर भी सार्वजनिक किया गया है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है बाढ़ से बचाव में तैनात सभी अधिकारी व कर्मचारी अपनी-अपनी तैयारी समय पूर्व पूरा कर लें। उधर, जिले के ग्रामीण इलाकों में 40 बाढ़ राहत शिविर बनाने के साथ सक्रिय किया गया है। सदर तहसील में 33, पिंडरा में 3 और राजातालाब के 4 शिविर शामिल हैं। जिला प्रशासन ने गंगा तटवर्ती कॉलोनियों मे भी नजर रखने का आदेश दिया है।
श्मशान घाट जलमग्न गलियों में लगीं चिताएं
गंगा जलस्तर में बढ़ाव से श्मशानघाट डूब गए हैं। हरिश्चंद्र घाट पर गुरुवार को गलियों में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं मणिकर्णिका घाट पर बृजपाल दास रमा देवी विश्राम स्थल में पानी चले जाने से शवदाह कराने में परिजनों को कठिनाई हो रही है।
मणिकर्णिका घाट पर सामान्य तौर पर 3-4 घंटे में पूरी होने वाली प्रक्रिया में 6 से 8 घंटे लग रहा है। हरिश्चंद्र घाट पर भी सीएनजी शवदाह गृह के नजदीक पानी पहुंच गया है। परंपरागत स्थान पानी में समा जाने से गलियों में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। मणिकर्णिका घाट पर अपने मित्र के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे रविकांत ने कहा कि घाट पर दो घंटे हो गए हैं लेकिन अभी प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो सकी है। चारों ओर पानी होने से शव को रखने की जगह भी मुश्किल से मिली।
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