ताजमहल का नाम नहीं होगा तेजो महालय, नगर निगम सदन में नहीं हुई प्रस्ताव पर चर्चा

करीब चार महीने बाद ताजमहल फिर सुर्खियों में है। ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने के प्रस्ताव पर लखनऊ से दिल्ली तक हलचल पैदा हो गई थी।

Update: 2022-09-01 01:10 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। करीब चार महीने बाद ताजमहल फिर सुर्खियों में है। ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने के प्रस्ताव पर लखनऊ से दिल्ली तक हलचल पैदा हो गई थी। नगर निगम सदन में भाजपा पार्षद के प्रस्ताव पर सभी की निगाहें थीं। हंगामे के कारण प्रस्ताव पटल पर भले पेश नहीं हो सका। मगर इसे ताज के साथ एक और विवाद की शुरूआत कहा जा रहा है। ताजमहल का नाम तेजो महालय करने का प्रस्ताव मंगलवार को नगर निगम सदन की बैठक के एजेंडे में शामिल करने से राजनीतिक हलचल पैदा हो गई थी। एजेंडे में यह प्रस्ताव संख्या 4(7) के तहत 22वें नंबर पर सूचीबद्ध किया गया था। चर्चा शुरू होते ही प्रस्तावों को लेकर हंगामा प्रारंभ हो गया।

इसी बीच शोरगुल बढ़ने से मेयर ने सदन स्थगित करने की घोषणा कर दी। जिस पर प्रस्ताव पर चर्चा ही नहीं हो सकी। इससे पहले 7 मई 2022 को अयोध्या के डॉ. रजनीश सिंह ने ताजमहल के तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां होने का दावा करते हुए हाईकोर्ट से ताज के बंद 22 कमरों को खोलने की मांग की थी। इस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। भाजपा के पार्षद शोभाराम राठौर थे। उन्होंने ताजमहल का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव लगाया था। उनके प्रस्ताव पर चर्चा होती उससे पहले ही बौद्धस्तूप के निर्माण के प्रस्ताव पर हंगामा हो गया और तेजोमहालय पर चर्चा नहीं हो सकी।
जिस प्रस्ताव को लेकर सुबह से ही लोगों में कौतूहल बना हुआ था। उस पर चर्चा न होने से इस प्रस्ताव के समर्थकों को निराशा हुई। बुधवार को दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे सदन की कार्रवाई शुरू हुई। पार्षद शोभाराम राठौर का प्रस्ताव 4 (7) क्रमांक पर लगा था। वह भी समय से सदन में पहुंच गए थे। इधर, कुछ लोग उनका स्वागत करने के लिए पहुंच गए। राठौर ने मेयर से बाहर जाने की अनुमति ली। उसके बाद उन्हें सदन के बाहर फूल मालाओं से लाद दिया गया। उत्साह से लबरेज राठौर स्वागत कराने के बाद अपनी सीट पर आकर बैठ गए और अपने प्रस्ताव का नंबर आने का इंतजार करने लगे।
इधर, बसपा के एक पार्षद ने गढ़ी भदौरिया तिराहे पर बौद्ध स्तूप गेट बनाए जाने का प्रस्ताव पढ़ा। भाजपा पार्षदों ने पहले मौके की जांच कराने की बात कह दी। इस पर बसपा के पार्षद आगबबूला हो गए। उन्होंने कहा कि ये दलितों का अपमान है। धरने पर बैठ गए। लगभग 15 मिनट तक हंगामा चलता रहा। शोर-शराबे के बीच मेयर ने जैसे ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। वैसे ही तेजोमहालय को लेकर होने वाली चर्चा पर फिलहाल विराम लग गया।
पार्षदों की सदस्यता भी जा सकती है
मेयर, नवीन जैन ने कहा कि ताजमहल का नाम तेजोमहालय हो। इस तरह का एक प्रस्ताव भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर ने दिया है। इस पर चर्चा नहीं हो सकी। जब अगले सदन की बैठक होगी। तब प्रस्ताव को देखा जाएगा। अभी तो सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। जिन लोगों ने हंगामा किया। उन पार्षदों की सदस्यता भी जा सकती है। क्योंकि उन्हें तीन बार मैंने स्वयं समझाया, लेकिन वह नहीं माने।
कमल,नाग-नागिन प्रतीक चिन्ह
भाजपा पार्षद, शोभाराम राठौर ताजमहल का नाम बदलने के पीछे कई तर्क हैं। ताजमहल नाम एक विदेशी यात्री द्वारा दिया गया है। जो कि मूलनाम तेजो महालय का अपभ्रंश है। विश्व में किसी भी कब्रिस्तान के साथ महल शब्द नहीं जुड़ा है। ऐतिहासिक और लिखित प्रमाण है कि परिसर राजा जयसिंह की संपत्ति थी, जिसे शाहजहां ने हथिया लिया था। ताजमहल में कमल के फूल, नाग-नागिन के जोड़े आदि के प्रतीक चिन्ह भी हैं।
Tags:    

Similar News