वाराणसी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहनराव भागवत ने कहा कि वर्तमान में भौतिकता से परे ज्ञान को भी धीरे-धीरे स्वीकार किया जा रहा है। पूर्व के विद्वानों का मत है कि जहां विज्ञान रुक गया, वेदों का ज्ञान वहीं से शुरू हुआ। सरसंघचालक डॉ भागवत ने यहां रविवार शाम शिवाला स्थित चेत सिंह किला परिसर में चातुर्मास्य कर रहे कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। शंकराचार्य के साथ सरसंघचालक ने सांस्कृतिक और धार्मिक अनुष्ठान अग्निहोत्र में भागीदारी भी की। इस दौरान पीठ से जुड़े दक्षिण भारत के संतों को सम्बोधित भी किया।
संघ प्रमुख ने एक अध्ययन का उल्लेख कर कहा कि विज्ञान के साधनों की गति रुक गई है। अब हमें प्रकाश की गति से ज्यादा तेज गति वाले साधन से अनुसंधान करना होगा। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रमणों के कारण वेदों के ज्ञान की व्यवस्था ध्वस्त हुई। अमृत महोत्सव में भारत की उन्नति, भौतिक, सामरिक के साथ-साथ आध्यात्मिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के उत्थान और सनातन धर्म के उत्थान का काल है। भारत को सारी दुनिया को धर्म का ज्ञान देना है। धर्म के मूल में सत्य है और सत्य का प्रतिपादन चारों वेदों के मूल्यों में है। वेदों के अग्निहोत्र धारण कर आप लोग जीते है।
अध्यात्म के रौ में डूब संघ प्रमुख ने कहा कि पहले आप यज्ञ करते थे तो क्षत्रिय उसकी सुरक्षा करते थे। उनका काम सरंक्षण करने का था। आप लोग अपना काम करें आपकी सुरक्षा के लिए हिन्दू समाज को जागृत करना हमारा काम है। दुनिया को जो योगदान हमें देना है, उसमें हम उन्नत हो, इसके लिए हमें अपना काम करना होगा। यहां ठहराव के दौरान संघ प्रमुख ने किले से गंगा घाटों को भी देखा। सरसंघचालक का सहज व्यवहार लोगों को आकर्षित करता रहा। बारिश के बीच चेतसिंह किला परिसर में पहुंचे सरसंघचालक का स्वागत कांची कामकोटि मठ प्रबंधन ने किया।
इसके पहले कड़ी सुरक्षा के बीच सरसंघचालक मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर अपरान्ह में वाराणसी पहुंचे। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्षेत्र प्रचारक अनिल, काशी प्रांत प्रचारक रमेश सहित अन्य पदाधिकारियों ने अगवानी की। एयरपोर्ट से सरसंघचालक कड़ी सुरक्षा के बीच सिगरा स्थित संघ के प्रांत कार्यालय ‘केशव निलय’ पहुंचे। यहां कुछ देर विश्राम के बाद संघ के पदाधिकारियों से बातचीत भी की। संघ प्रमुख रविवार रात सिगरा स्थित कार्यालय में विश्राम करेंगे। सोमवार को संघ कार्यालय में एक कार्यक्रम और संघ पदाधिकारियों के साथ बैठक करके वापस नई दिल्ली लौट जाएंगे। संघ प्रमुख मोहनराव भागवत इसके पहले 18 जुलाई को वाराणसी में पांच दिन के प्रवास पर आए थे।