अभी कुछ समय पहले ही मुहर्रम के अवसर पर ताजिए को लेकर अमखेड़ा गांव में तनाव की सुगबुगाहट हुई थी। जिसे अफसरों ने पहुंचकर शांत करा दिया था। इसके बाद अब बारावफात जुलूस को लेकर भी इसी गांव में तनाव की स्थिति बन गई है। जुलूस को लेकर दूसरे पक्ष ने विरोध किया तो पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव पहुंचकर वार्ता की। थाने के त्योहार रजिस्टर में जूलूस दर्ज होने की बात कहकर परंपरागत तरीके से उन्हीं रास्तों से जुलूस निकालने की बात कही गई। अफसरों ने खुद जुलूस के रुट का भ्रमण भी किया।
बरखेड़ा थाना क्षेत्र का अमखेड़ा गांव मिश्रित आबादी का है। इसी के साथ त्योहारों को देखते हुए संवदेनशील श्रेणी में भी रहता है। अगस्त माह में ताजिये को लेकर दोनों पक्षों के लोगों के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी। अफसरों ने मौके पर पहुंचकर नियमानुसार निर्णय लेकर मामला शांत करा दिया था।
अब बारावफात के जुलूस की तैयारियां गांव में चल रही थी। इसे लेकर दूसरे पक्ष ने विरोध कर दिया। उनका कहना था कि गांव में कभी जुलूस नहीं निकला है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने पड़ताल शुरू कर दी। थाने का त्योहार रजिस्टर चेक किया गया तो उसमें जुलूस दर्ज मिला। इसके रूट के बारे में भी अफसरों ने जानकारी जुटाई।
बुधवार को एसडीएम बीसलपुर ऋषिकांत रघुवंशी, सीओ मनोज कुमार यादव, एसओ उदयवीर सिंह टीम के साथ गांव पहुंचे और दोनों पक्षों से मिले। सभी को बताया गया कि किसी तरह की नई परंपरा नहीं डालने दी जाएगी। जुलूस पहले भी निकला है और त्योहार रजिस्टर में दर्ज है। लिहाजा तय रूट पर ही निकलने दिया जाएगा। जुलूस के रुट पर भी भ्रमण किया और ग्रामीणों से बातचीत कर शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई।
त्योहार रजिस्टर को चेक कराया गया तो उसमें जूलूस निकलना दर्ज है। कोई नई परंपरा नहीं डालने दी जाएगी। परंपरागत जुलूस जैसे निकलता था वैसे ही ठेली पर लाउडस्पीकर लगाकर निकलवाया जाएगा। गांव जाकर ग्रामीणों से बात कर ली गई है। तनाव की स्थिति नहीं है
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar