लखनऊ, (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतारें लगी है। श्रद्धालु बेलपत्र चढ़ाकर शिव की आराधना में जुटे हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सहित सभी प्रमुख शिवालयों पर आधी रात से ही शिवभक्तों की कतारें लग गई हैं। दूसरी तरफ पंचकोशी यात्रा पर निकले युवा शिवभक्तों के जयकारों से काशी का कण-कण भक्तिभाव में डूब गया है। महाशिवरात्रि पर बनारस में हर ओर हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है। शिवालयों के कपाट रात के तीसरे पहर से खुलने के बाद दर्शन करने वालों की कतार बढ़ ही रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, रामेश्वर मंदिर, बीएचयू में विश्वनाथ मंदिर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों मंदिरों में लाखों भोले के भक्तों की कतार भारी कतार लगी है।
उधर लखनऊ के मनकामेश्वर और कानपुर के परमठ के आनेदश्वर बाबा के मंदिर में हर हर महादेव के जयघोष गूंज रहे हैं। भक्त भोलेनाथ पर बेलपत्र और जल चढ़ा कर उनकी आराधना कर रहे हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि, शिव और शक्ति के मिलन का पर्व है। महाशिवरात्रि पर जागरण करना लाभकारी होता है। शिव-शक्ति को प्रसन्न करने के लिए उनके विवाह की झांकी भी निकाली जाती है। ज्योतिषाचार्य कृष्ण के शर्मा के अनुसार महाशिवरात्रि का शाब्दिक अर्थ शिव की महान रात है। महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने से महादेव प्रसन्न होते हैं।
शिवपुराण में महाशिवरात्रि व्रत का महत्व बताया गया है। इस दिन व्रत करने और भगवान शिव की पूजा और मंत्रों के जाप से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान के पूजा-अर्चना करें। शास्त्र के नियमों के अनुसार शिव मंत्रों का जाप करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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