Sawan में मथुरा-वृंदावन की यात्रा करने से पहले ये बाते

Update: 2024-07-30 14:57 GMT
ट्रैवल ट्रिप Travel Trip: सावन के महीने में अधिकतर लोग मंदिरों में दर्शन करने के लिए कई तीर्थ स्थानों पर जाते हैं। सावन का महीना बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है। अगर आप मथुरा-वृंदावन जाने की सोच रहे हैं तो सोच-समझकर जाएं। सावन के महीने में यहां कृष्ण और शिव भक्तों का जमावड़ा लगता है। मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है। सावन में यहां शिव की पूजा की जाती है।इस बीच भक्त शिव जी पूजा करने, जलाभिषके करने और उनकी कृपा प्राप्त
करने
के लिए मथुरा वृंदावन जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी मथुरा-वृंदावन जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको थोड़ा ध्यान देने की जरुरत है। हालांकि, इस समय कुछ जगहों पर जाना सख्त माना है। बरसात के मौसम में Yamuna का जल स्तर काफी बढ़ चुका है। जिस वजह से कई घाटों और मंदिरों के जापने पर रोक लगा दी गई है।
इन जगहों पर जाना माना है
दरअसल, मथुरा वृंदावन की इन जगहों पर जाने के लिए लोगों की रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि, यह फैसला भक्‍तों की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते ही लिया गया है। बरसात के मौसम में यमुना का जलस्‍तर काफी बढ़ गया है। इसी के चलते जिला प्रशासन ने यमुना किनारे बने मंदिर और घाटों पर ना जाने का अनुरोध किया है। अगर आपने प्रशासन की बात नहीं मानें, तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।
इन जगहों पर भूलकर भी न जाएं
कंस टीला
मथुरा में सबसे ज्यादा लोग कंस टीला पर जरूर जाते हैं । पिछले कई दिनों में यमुना का जलस्तर 2 फीट बढ़ चुका है। इस दौरान हादसा होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
विश्राम घाट
मथुरा में विश्राम घाट पर भी यमुना का जल स्तर बढ़ चुका है। यहां पर लोगों से ना आने की अपील की जा रही है। यहां पर यमुना में नाव की सवारी करना भी आपके लिए मुसीबत बन सकती है।
वृदावन के घाट
अगर आप वृंदावन जा रहे हैं तो इन घाटों का न दर्शन करें। चीर घाट को यमुना नदी के किनारे बसे पवित्र घाटों में से एक है। इस घाट के पर ना जाने की अपील की गई है। वहीं, केशी घाट वृंदावन का मुख्य घाट माना जाता है। यहां भी अभी आने के लिए माना किया गया है।
बरतें सावधानी
-बरसात के मौसम की वजह से यमुना का water level बढ़ चुका है। इसलिए यमुना नदी के किनारे बने किसी मंदिर या घाट पर ज्यादा समय तक ना रुकें।
-ध्यान रहे कि घाट के बहुत ज्यादा नीचे और पानी में आगे तक ना जाएं।
-घाट पर संभाल कर उतरें। फिसलने का डर बना रहता है।
- नाव की सवारी करने से बचें।
-पानी में स्‍नान ना करें।
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