रेलवे स्टेशन पर सीनियर डीसीएम को मिलीं तमाम खामियां

पार्सल-पार्किंग से लेकर पूरे स्टेशन का किया निरीक्षण

Update: 2023-09-25 06:47 GMT

मुरादाबाद: मॉडल स्टेशन में प्रस्तावित मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर तमाम खामियां मिलीं. प्लेटफार्म चार-पांच पर गंदगी के अलावा शेड से पानी टपकता है. शौचालयों को लेकर भी रेल प्रशासन ने साफ सफाई के सख्ती से आदेश दिए हैं. पार्किंग में बेरीकेडिंग से पार्सल पर व्यवस्थागत खामियां नजर आईं.

मुरादाबाद रेलवे के सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह ने स्टेशन का सघन मुआयना किया. स्टेशन पर कमियां पाए जाने पर नाराजगी जताई. मुआयने के दौरान लाइनपार में सेकंड एंट्री का जाएजा लिया. बुकिंग काउंटर के बाहर खड़े दुपहिया वाहनों पर आपत्ति जताई. वाहनों के चालान करने के आदेश दिए. जबकि प्लेटफार्म चार-पांच पर टीनशेड में छेद होने से बरसात में पानी गिरता है. बताया गया कि यहां खड़े यात्री भीगते हैं. उन्होंने इसे सुधारने के आदेश दिए. स्टेशन पर बुनियादी सुविधाएं सुधारने के साथ शौचालयों को साफ सुथरा बनाने को कहा. स्टेशन अधीक्षक महेन्द्र कुमार, सीएमआई जेके ठाकुर, डी सीआईटी जोगिंदर पाल सिंह,सीएचआई अनुपम श्रीवास्तव समेत टीटीई स्टाफ रहा.

खाने की महीनों से नहीं हुई जांच, कैसे मिले शुद्ध भोजन

रेलवे स्टेशनों पर शुद्ध खाना भगवान भरोसे है. कैंटीन स्टॉलों पर चाय, समोसा समेत तमाम खाना मानकों के विपरीत बेचा जा रहा है. दरअसल संचालकों को खानपान की जांच का डर ही नहीं है. स्टेशनों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों की महीनों जांच नहीं होती. जांच हो जाएं तो कार्रवाई क्या? दिल्ली में तैनात फूड सेफ्टी अधिकारी के पास खाने की जांच का जिम्मा है पर एक अधिकारी के भरोसे समूचा रेल मंडल के स्टेशन है. खास यह कि मंडल मुख्यालय पर संबंधित केटरिंग अधिकारी व भरपूर स्टाफ है पर जांच के नाम पर सभी पल्ला झाड़ लेते हैं. आपसी मिलीभगत व अफसरों की शह से ठेकेदार, वेंडरों के हौसले बुलंद हैं.

मुरादाबाद के रेलवे स्टेशनों पर खानपान के सामान की गुणवत्ता परखने वाला कोई नहीं है. कैंटीन व रेहड़ी पर खानेपीने के सामान का स्तर क्या है, इसकी जांच को लेकर अधिकारी भी चुप हैं. जांच के नाम पर एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपी जा रही है. लिहाजा रोकटोक न होने से स्टेशनों पर खराब व घटिया क्वालिटी का खाना व सामान बेचा जा रहा है. मुरादाबाद स्टेशन पर कैंटीन स्टॉल संचालित हैं पर उनमें तमाम खामियां हैं. रेलवे नियमों के चलते खाना लाइनपार से ही बनकर आता है. खाने की गुणवत्ता कौन जांचे, इस पर सभी के हाथ खड़े हैं. खानपान की जांच जून, में हुई थी. नौ माह में यह दूसरी जांच है. जिला प्रशासन के सहयोग से फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स से रेंडम चेंकिंग कराई गई.

दिल्ली में तैनात रेलवे में फूड सेफ्टी अधिकारी सुगत कीर्ति का कहना है कि रेंडम जांच में खाने की चीजों के सात नमूने फेल मिले. मुरादाबाद में रिफ्रेशमेंट रूम के खाने में दाल घटिया मिली. गुणवत्ता खराब मिलने पर उन्होंने वाणिज्य विभाग से इस पर रोक लगाने व कार्रवाई की सिफारिश की, कार्रवाई की स्थिति साफ नहीं हो सकी.

दूसरी ओर मुरादाबाद के वाणिज्य अधिकारी बचाव में हैं. अधिकारियों ने खाद्य पदार्थो की सैंपलिंग को फूड सेफ्टी अधिकारी को पत्र भेजा गया है.

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