Meerut: मेरठ विकास प्राधिकरण औद्योगिक सेक्टर के जरिये ग्रामीणों का पलायन रोकेगा

"पलायन रोकने के प्लान पर काम करना शुरू"

Update: 2025-01-13 08:50 GMT

मेरठ: शहर के विकास को फर्राटा भरवाने और निवेश को आकर्षित करने के साथ ही मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने ग्रामीणों का शहर की तरफ पलायन रोकने के प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है.

मेडा ने बढ़ते मेरठ और एनसीआर की जरूरतों को भुनाने के लिए जहां महायोजना 2031 का आकार न केवल महायोजना 2021 के मुकाबले दोगुना किया है वहीं विकास को शहर से निकालकर गांवों तक भी पहुंचाने का खाका खींच दिया है. महायोजना में अब कुल 305 गांव शामिल हो गए हैं.

शामिल किए गए सरधना, लावड़, मवाना, हस्तिनापुर और बहसूमा नगर में 359.52 हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक भू-उपयोग प्रस्तावित किया गया है. इतने बड़े भू-भाग पर बिछने वाले इंडस्ट्रियल जाल से न केवल ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा बल्कि औद्योगिक राजस्व से सरकार की भी झोली भरेगी.

127वीं बोर्ड बैठक में लगी अब्दुल्लापुर के औद्योगिक क्षेत्र के लिए रोड सर्कुलेशन प्लान पर मुहर : 26 2024 को हुई मेडा की 127वीं बोर्ड बैठक में गांव अब्दुल्लापुर में प्रस्तावित 2 वर्ग किलोमीटर औद्योगिक क्षेत्र के लिए सर्कुलेशन प्लान को भी मंजूरी दे दी गई. बताया गया कि यह क्षेत्र ईस्टर्न रिंग रोड ओर किला परीक्षितगढ़ रोड से निकट होने के दृष्टिगत औद्योगिक इकाई स्थापित किए जाने के लिए उपयुक्त है. इसके चलते मेडा क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए रोड सर्कुलेशन प्लान तैयार करेगा. यहां पर 2 वर्ग किलोमीटर जमीन पर औद्योगिक गतिविधियां होंगी. यहां लगने वाले उद्योगों में हजारों युवाओं के लिए रोजगार सृजित होंगे.

ग्रामीण विकास शुल्क माफ: मेडा की 127वीं बोर्ड बैठक में नक्शा पास कराने के लिए गांवों से ग्रामीण विकास शुल्क के नाम से लिए जा रहे प्रति एकड एक लाख रुपये की धनराशि को भी माफ किया गया है. ग्रामीण विकास शुल्क गत 28 मार्च 2016 को हुई मेडा की 107वीं बोर्ड बैठक में अनुमोदित किया गया था. अब से माफ कर दिया गया है.

महायोजना में शामिल नगरों का औद्योगिक भू-उपयोग

नगर का नाम प्रस्तावित औद्योगिक

भू-उपयोग (हेक्टेयर में)

सरधना 118..21

लावड़ 34.36

मवाना 127.29

हस्तिनापुर 56.85

बहसूमा 22.81

कुल 359.52

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