Faizabad: सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के इसी माह में चालू होने की संभावना
"सिंचाई विभाग से मिली हरी झंडी जल्द मिल जाएगी एनओसी"
फैजाबाद: चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित माझा जमथरा में कई माह पूर्व बनकर तैयार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के इसी माह में चालू होने की संभावना है. यह प्लांट अभी तक सरयू में शोधित जल प्रवाहित करने के लिए सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी न होने के कारण लटका था. अब यह इंतजार खत्म होने वाला है. सिंचाई विभाग के मुख्यालय ने एनओसी जारी करने की स्वीकृति दी दी है. माना जा रहा कि जल्द ही अयोध्या के सिंचाई विभाग से एनओसी मिलते ही एसटीपी से सरयू नदी तक पाइप बिछाने का कार्य शुरू होगा.
अयोध्या के माझा जमथरा में करीब छह माह पहले एसटीपी का निर्माण कराया गया है. 33 एमएलडी की इस एसटीपी से प्रतिदिन दो करोड़ 40 लाख लीटर दूषित पानी को शोधित कर सरयू नदी में प्रवाहित किया जाएगा. सरयू में शोधित जल प्रवाहित करने के लिए सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लिया जाना था. इसके लिए कार्यदायी संस्था जल निगम ग्रामीण को काफी लम्बा इंतजार करना पड़ा. बताते हैं कि सिंचाई विभाग मुख्यालय ने एनओसी के लिए हरी झंडी दे दी है. अब अयोध्या के सिंचाई विभाग से एनओसी मिलनी है. एनओसी मिलने के बाद एसटीपी से सरयू नदी तक करीब डेढ़ कि.मी. पाइप लाइन डाली जाएगी. इसके बाद एसटीपी की लाइन में शहर के 15 प्रमुख नालों को जोड़ा जाएगा. नालों के जुड़ने और एसटीपी के चालू होने के बाद शहर में जलभराव की समस्या से काफी निजात मिलने की उम्मीद है. अभी एसटीपी के चालू न होने और शहर के 22 वार्डों में डाली गली सीवर लाइन में घरों के कनेक्शन जुड़ जाने से मेनहोल ओवर फ्लो हो रहे हैं.
सभी नालों को जोड़ने के लिए उदया तिराहा से नवनिर्मित एसटीपी तक 40 मेनमोहल बनाये गये हैं. दो मेनहोल की दूरी करीब 30 से 120 मीटर रखी गयी है. इसकी पाइप की मोटाई करीब 1.2 मीटर है. अधिशासी अभियंता ने बताया कि 33 एमएलडी की यह परियोजना नमामि गंगे के तहत है. इसकी लागत 221 करोड़ है. जिस एजेंसी से यह कार्यकराया जा रहा है उसके साथ यह अनुबंध है कि वह एसटीपी के संचालन व देखरेख का कार्य आगामी 15 साल तक करती रहेगी. फिलहाल एसटीपी में प्रतिदिन 24 एमएलडी यानी दो करोड़ 40 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शोधित करके सरयू में प्रवाहित किया जाएगा. यह एसटीपी अगले 30 साल के लिए बनी है. लेकिन आगामी 30 वर्ष बाद आवश्यकतानुसार इसकी क्षमता वृद्धि के लिए नई यूनिट लगाने के लिए भी जमीन सुरक्षित रखी गई है.
सिंचाई विभाग से एनओसी मिलने के बाद पाइप को बंधा पार सरयू में ले जाकर डाला जाएगा. इस प्रक्रिया में 15 सेक 20 दिन लगेंगे. उसके बाद तीन माह का ट्रायल होगा.
-अरविंद यादव, अधिशासी अभियंता