मां-बेटी की मौत के मामले में एसडीएम हिरासत में,दो गिरफ्तार

Update: 2023-02-14 18:48 GMT

कानपुर देहात।उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात जिले के रूरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए अग्नि काण्ड में मां-बेटी की मौत के मामले में उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद को हिरासत में ले लिया गया है जबकि आरोपी जेसीबी चालक दीपक और लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।

इस बीच घटना के 24 घण्टे बाद उप मुख्यमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीड़ित परिवार की बात होने पर तथा उनकी मांगें मानने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे गांव में पीएसी तैनात की गई है।

पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि रूरा थानाक्षेत्र के मड़ौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। गांव के रहने वाले अनिल ने इनकी शिकायत की थी। जिसके बाद सोमवार को उप जिलाधिकारी मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंच गए थे।

पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया है कि टीम ने जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया। जिस दौरान छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (19) की आग की चपेट में आने से जल कर मौके पर ही मौत हो गई जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए। घटना की सूचना पर आलाधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर सभी को शांत कराया।

पीड़ितों के तहरीर के आधार पर उपजिलाधिकारी समेत 39 लोगों पर हत्या जैसी गम्भीर धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुकदमें में गांव के अशोक, अनिल, निर्मल , विशाल जेसीबी ड्राइबर दीपक के साथ 10 से 12 अज्ञात ,उपजिलाधिकारी मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद ,कानूनगो, लेखपाल मंडौली अशोक सिंह, तीन अन्य लेखपाल थानाध्यक्ष रूरा दिनेश कुमार गौतम और 12 से 15 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

मामले को देखते हुए जिले के पुलिस विभाग ने सक्रियता को दिखाते हुए उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद को हिरासत में ले लिया। वहीं आरोपी जेसीबी चालक दीपक व लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।अन्य लोगों की तलाश जारी है।

घटना के 24 घण्टे हो जाने के बाद भी जब पीड़ित परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे और मुख्यमंत्री को घटनास्थल पर बुलाने के लिए बात करते रहे तो इसका संज्ञान मिलते ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की और उनको हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। जिसके बाद परिजनों ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया।

-(एजेंसी/वार्ता)

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