Mirzapur: अटल सम्मान 2024' से सम्मानित हुए मीरजापुर के ऋषभ जैन

दुनिया के नक्शे पर चमका भारतीय हैंडलूम

Update: 2024-12-22 07:10 GMT

मिर्जापुर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय में आयोजित 'अटल सम्मान समारोह 2024' में मीरजापुर के विक्रम कार्पेट्स के सीईओ और हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एचईडब्ल्यूए) के उपाध्यक्ष ऋषभ जैन ने अपने अद्वितीय योगदान के लिए चर्चाएं बटोरीं। इस समारोह में उन्होंने भारत के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट क्षेत्र में नई दिशा और संभावनाओं को उजागर किया।

इस ऐतिहासिक आयोजन में समाजसेवा, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सांस्कृतिक विकास में योगदान देने वाले देश के कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।मीरजापुर के विक्रम कार्पेट्स के सीईओ और हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एचईडब्ल्यूए) के उपाध्यक्ष ऋषभ जैन को इस समारोह में उनके सामाजिक और व्यावसायिक योगदान के लिए "अटल सम्मान 2024" से अलंकृत किया गया। ऋषभ जैन ने हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में कहा कि यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि हमारी एसोसिएशन के हर सदस्य की मेहनत का परिणाम है। हम सब 'विकसित भारत 2047' के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऋषभ जैन ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि हमारी एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य सिर्फ व्यापार बढ़ाना नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए काम करना है।

हम भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं, ताकि वे अपने घर की आर्थ‍िक स्थिति में सुधार कर सकें।

महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर ऋषभ जैन ने अपनी एसोसिएशन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर गर्व महसूस करते हुए बताया कि उनकी एसोसिएशन में 33 प्रतिशत महिला उद्यमी जुड़ी हैं, जो भारतीय हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में अपनी कड़ी मेहनत और नवाचार से नया आयाम जोड़ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ एक सामाजिक आवश्यकता नहीं, बल्कि आर्थिक विकास की कुंजी भी है।

"घर-घर एक्सपोर्ट" का लक्ष्य ऋषभ जैन का मानना है कि "घर-घर एक्सपोर्ट" उनके एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य है। वे न केवल घरेलू बाजार (B2C) और व्यावसायिक बाजार (B2B) को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि गांव-गांव में बनी कारीगरी को वैश्विक पहचान दिलाने का भी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर 140 करोड़ भारतीय अपने देश का सामान खरीदें तो भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में कोई रुकावट नहीं आएगी।

समाज को एकजुट करने की पहल ऋषभ जैन का मानना है कि हम सब मिलकर ही भारत को "विकसित भारत 2047" के सपने को साकार कर सकते हैं। उन्होंने अपनी एसोसिएशन के सभी सदस्य और उद्यमियों को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि हम सब एक टीम की तरह काम कर रहे हैं और यह कदम छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन एक बड़ा बदलाव लाएगा। ऋषभ जैन का यह योगदान न केवल हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में, बल्कि महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें समाज के लिए एक प्रेरणा बना दिया है। उनका मानना है कि यदि सही दिशा में काम किया जाए तो भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनने से कोई नहीं रोक सकता।

समारोह की महत्ता 'अटल सम्मान 2024' न केवल एक पुरस्कार है, बल्कि यह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व, उनके योगदान और भारत निर्माण के प्रति उनकी दूरदर्शी सोच का प्रतीक भी है। यह आयोजन समाज के उन नायकों को प्रोत्साहित करने का मंच है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करके समाज और देश के विकास में योगदान दिया है। इस समारोह ने देशभर में उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा और प्रेरणा दी है। ऋषभ जैन जैसे व्यक्तित्वों का सम्मान यह दर्शाता है कि भारत में प्रतिभा और प्रयास को सदा सराहा जाता रहेगा।

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