विधानसभा में बोले मंत्री- गलत बिलिंग पर तत्काल एक्शन ले रही सरकार

Update: 2023-08-09 13:09 GMT
 
लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को बिजली का सही बिल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। गलत बिलिंग की शिकायत पर तत्काल प्रभाव से एक्शन लिया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर बिलिंग प्रॉसेस की रैंडम चेकिंग भी हो रही है।
बुधवार को विधानसभा में बिजली मीटर बिलिंग को लेकर सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों पर सरकार की ओर से जानकारी दी गई।
इसमें बताया गया कि उपभोक्‍ताओं की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. (यूपीपीसीएल) की अधिकृत वेबसाइट पर गलत बिल की शिकायत स्‍वत: दर्ज करने या निकटतम विभागीय कार्यालय की सहायता से दर्ज कराने की व्‍यवस्‍था है।
गलत बिल की शिकायत प्राप्‍त होने पर उपखंड अधिकारी/अधिशासी अभियंता कार्यालय द्वारा तत्‍परता से कार्यवाही कर गलत बिलों को सही किए जाने की व्यवस्था की गई है।
विधानसभा में गलत बिलिंग के सवाल पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने लिखित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा उपभोक्‍ताओं के परिसर पर जाकर एंड्रायड आधारित बिलिंग एप द्वारा मीटर रीडिंग लेकर बिल उपभोक्‍ताओं को उनके परिसर पर ही उपलब्‍ध कराए जाने की व्‍यवस्‍था लागू है।
इसके अंतर्गत डाउनलोडेबल मीटरों में प्रोब के माध्‍यम से मीटर रीडिंग डाउनलोड कर बिल जारी किए जा रहे हैं। प्रोब आधारित बिलिंग न हो पाने पर मीटर रीडर द्वारा मीटर की रीडिंग स्‍वयं अंकित कर बिलिंग एप से बिल जारी किया जाता है।
उपभोक्‍ता को बिल जारी होने के बाद एसएमएस के माध्‍यम से भी बिल की जानकारी दी जाती है।
इसके साथ ही, डिस्‍काम्‍स द्वारा बिलिंग एजेंसियों से संपादित अनुबंध में माह में की जा रही बिलिंग की 1 प्रतिशत रैंडम चेकिंग बिलिंग एजेंसी के सुपरवाइजर द्वारा तथा 1 प्रतिशत रैंडम चेकिंग अतिरिक्‍त रूप से डिस्‍काम्‍स के आधिकारियों द्वारा किया जाना प्राविधानित है।
उपभोक्‍ता को त्रुटिरहित बिल जारी किए जाने के लिए यूपीसीएल की ओर से कई और सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके तहत, 10000 रुपए प्रति किलोवाट प्रतिमाह से अधिक तथा 100000 रुपए प्रति किलोवाट से अधिक की कुल बिल धनराशि वाले बिलों को बिलिंग प्रणाली पर रोके जाने की व्‍यवस्‍था है।
ऐसे प्रकरणों में संबंधित उपखंड अधिकारी/अधिशासी अभियंता (वितरण) द्वारा बिल पर विचार किए जाने के बाद ही त्रुटिरहित बिल जारी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्‍त रिवैम्‍पड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन सेक्‍टर स्‍कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत वर्तमान मीटरों को बदल कर प्रीपेड स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित किए जाने की योजना क्रियाशील है, जिससे गलत बिलिंग की समस्‍या का निदान हो जाएगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि स्‍मार्ट मीटर ज्‍यादा यूनिट के बिल जनरेट नहीं कर रहे हैं। स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं का विद्युत बीजक मीटर में रिकॉर्ड की गई वास्‍तविक ऊर्जा खपत के आधार पर बनाया जाता है।
अभी तक स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं द्वारा स्‍मार्ट मीटर तेज चलने की प्राप्‍त कुल 1005 शिकायतों में से जांच कराए जाने पर 961 स्‍मार्ट मीटर सही पाए गए एवं मात्र 44 स्‍मार्ट मीटर तेज चलते पाए जाने पर इन्‍हें तत्‍काल परिवर्तित कर दिया गया।
यदि उपभोक्‍ता को स्‍थापित स्‍मार्ट मीटर में रिकॉर्ड की जा रही रीडिंग पर संदेह होता है तो उपभोक्‍ता द्वारा अनुरोध करने पर चेक मीटर लगाकर स्‍थापित स्‍मार्ट मीटर की जांच की जाती है। किसी कमी के परिलक्षित होने पर मीटर को 15 दिनों के भीतर नए मीटर से बदलते हुए उस माह के, जिसमें शिकायत प्राप्‍त हुई, से पूर्व तीन माह का बिल अंतिम परिणाम के अनुसार पश्‍चातवर्ती (पोस्ट-ऑपरेटिव) बिल में समयोजित कर दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 20 मार्च 2023 तक 11.79 लाख स्‍मार्ट मीटर स्‍थ‍ापित किए गए हैं। जून, 2018 में स्‍मार्ट मीटर स्‍थापना की शुरुआत से 20 मार्च 2023 तक स्‍मार्ट मीटर संबंधित कुल 72846 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं, जिसके बाद मीटरों को परिवर्तित कर दिया गया।
इन परिवर्तित मीटरों में से 52250 स्‍मार्ट मीटर खराब होने एवं 4431 मीटर अन्‍य तकनीकी कारणों से परिवर्तित किए गए।
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