Kushinagar: बीजशोधन की उपयोगिता व कीटनाशकों से होने वाले दुष्परिणाम की दी जानकारी
Kushinagar राजापाकड़/कुशीनगर: एनपीएसएस अर्थात राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली के लिए भारत सरकार द्वारा विकसित एक एप्लीकेशन है जिसके माध्यम से किसानों को कीटों से जुड़ी सटीक जानकारी मिलती है जिससे उन्हें कीट प्रबंधन में मदद मिलती है।
यह बातें सहायक विकास अधिकारी(कृषि रक्षा) मदन गोपाल गौतम ने कही। वह तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवाराजापाकड़ के सीताराम चौराहा पर किसान रजनीश राय के परिसर में केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र जैविक भवन गोरखपुर व कृषि विभाग तमकुहीराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय रबी फसल में बीज शोधन व एनपीएसएस एप्लिकेशन के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जैविक विधि से खेती के बारे में जानकारी दी। केंद्र के सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी रत्नेश कुमार मिश्र ने ट्राईकोडर्मा से बीज शोधन की उपयोगिता व कीटनाशकों के उपयोग से होने वाले दुष्परिणाम पर विस्तृत जानकारी दी।
तकनीकी अधिकारी जटाशंकर पांडेय व मोनल कुमार सिंह ने ट्राईकोडर्मा से बीज व भूमि शोधन करने का व्यवहारिक ज्ञान देते हुए बताया कि ट्राईकोडर्मा एक मृतोपजीवी मित्र फफूंद है जो कि भूमि में रह कर कार्बनिक पदार्थ का विघटन कर अपने आप पनपते रहता है। यह उकठा सड़न रोगों से फसलों का बचाव करता है। केंद्र के वरिष्ठ कर्मचारी जयप्रकाश सिंह बीज शोधन का प्रदर्शन किया। विशेषज्ञों ने गन्ना के खेत में जाकर भारत सरकार के एनपीएसएस एप के माध्यम से गन्ने में लगने वाले कीटों एवं रोंगो के बारे में व्यवहारिक जानकारी दे कर किसानों के मोबाइल में डाउनलोड व रजिस्ट्रेशन कराया। किसानो को ट्राईकोडर्मा पावडर एवं बीज शोधन संबधित पर्चा बांटे गए।