Lucknow: यूपी एसटीएफ टीम ने डिजीटल अरेस्ट करने वाले साइबर आरोपी को दबोचा

"गिरोह को उपलब्ध करता था अकाउंट"

Update: 2024-12-28 05:34 GMT

लखनऊ: यूपी एसटीएफ टीम ने शुक्रवार को एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है। ये लोग साइबर क्राइम ब्रांच, सीबीआई और नारकोटिक्स के अधिकारी बनकर डिजीटल अरेस्ट कर ठगी करते थे। आरोपी चाइनीज साइबर ठग गिरोह को बैंक खाते उपलब्ध कराता था।

एसटीएफ ने बताया कि अभियुक्त गाजियाबाद का रहने वाला कृष्ण कुमार उर्फ सुनील को हरदोई रोड स्थित अवध हास्पिटल चौराहे से गिरफ्तार किया है। इससे पहले एसटीएफ ने कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें हरियाण के गुरूग्राम से पांच,लखनऊ से अलग—अलग तारीखों को पांच लोगों को पकड़ा है। वहीं, शुक्रवार को कृष्ण कुमार को पकड़ा है। वह यहां पर किसी के इंतजार में खड़ा था। बीटेक की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। वर्ष 2023 में उसकी मुलाकात मुरादनगर में मेडिकल स्टोर चलाने वाले राहुल से हुई। उसने उसे गेमिंग, स्कैमिंग, मिक्सिंग और स्टॉक के बारे में बताते हुए जुड़ने को कहा। लालच दिया कि अगर उसे वो कापोरेट खाता दिलवाता है तो उसकी आमदनी अच्छी होगी। उसने कापोरेट खाता दिलवाने के लिए टेलीग्राम के माध्यम से पंकज और राहुल से सम्पर्क किया और दोनों कमीशन लेकर खाते की जानकारी देते थे।

अभियुक्त ने यह भी स्वीकारा कि डा. अशोक सोलंकी से उसके साथियों ने ठगी की थी। इन लोगों ने हरियाणा के एक व्यक्ति से भी 22 लाख रुपये ठगे थे। इन लोगों ने ​कंबोडिया में पाकिस्तान, चाइनीज नेटवर्क से ट्रेनिंग लेकर करोड़ों रुपये की ठगी की हैं।

रेलवे से सेवानिवृत्त महाप्रबंधक और महिला से डिजीटल अरेस्ट कर ठगी लखनऊ के साइबर थाना में अर्जुनगंज निवासी कमल कुमार सक्सेना ने साइबर थाना में मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि रेलवे से महाप्रबंध के पद से सेवानिवृत्त है। साइबर अपराधियों ने म​नी लॉड्रिंग का डर दिखाकर नौ दिन तक डिजीटल अरेस्ट करके 12 लाख रुपये ठगे हैं। इसी तरह गोमतीनगर के विक्रांत खंड निवासी रेनू को भी म​नी लॉड्रिंग का भय दिखाकर छह लाख 20 हजार रुपये की ठगी की है।

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