Kanpur: हेलमेट पहने होते तो तीन लोगों की बच सकती थी जान

पांच लोगों की हादसों में मौत

Update: 2024-11-23 07:56 GMT

कानपूर: शहर के अलग-अलग थानाक्षेत्रों में हुए हादसों में चार युवक और एक अधेड़ की मौत हो गई. हेलमेट न पहनने और तेज रफ्तार काल बन गई. तीन की जान बच सकती थी यदि वह हलमेट पहने होते. पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द किए गए. इन सभी परिवारों में कोहराम मच गया.

डिसब्रेक लगाते ही बाइक संग घिसता गया युवक, मौतबर्रा थानाक्षेत्र में कच्ची बस्ती बर्रा 8 निवासी राकेश का 20 वर्षीय पुत्र शुभम डोर टू डोर कूड़ा उठान में हेल्पर का काम करता था. पिता ने बताया कि शुभम दीपावली पर रात 10 बजे मां को बाइक से छोड़ने नौबस्ता गया था. लौटते समय उसने तेज रफ्तार बाइक में अचानक डिसब्रेक लगा दी. वह बाइक समेत काफी दूर तक घिसटते चला गया. लहूलुहान होकर बेहोश हो गया. राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी और हैलट अस्पताल में भर्ती कराया. जहां रात उसने दम तोड़ दिया. हेलमेट पहने होता तो सिर पर गहरी चोट न आती.

ब्रेक लगाते ही फिसली बाइक, युवक की मौत

मूलरूप से अहमदपुर नदिया ककवन निवासी 26 वर्षीय अभिषेक कठेरिया पेटिंग और प्राइवेट काम करता था. वह पनकी में किराए पर रहता था. पिता श्याम बाबू कठेरिया ने बताया कि बेटा दोपहर घर आया था फिर चार बजे वह बाइक से पनकी निकल गया. परिजनों के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ब्रेक लगाते ही बाइक फिसल गई. जिससे हाथ-पैर में गंभीर चोटें आ गई. अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया. हादसे के वक्त हेलमेट नहीं पहने था.

भतीजे की शादी में शामिल होने प्रयागराज से आए थे

गुजैनी थानाक्षेत्र में प्रयागराज के अबुबकरपुर थाना धूमनगंज निवासी 56 वर्षीय दयाराम की तात्याटोपे नगर में मॉर्निंग वॉक को निकले थे तभी अज्ञात वाहन की टक्कर से उनकी मौत हो गई. परिवार में पत्नी कुसुमलता, बेटे आसिफ, संदीप, अनीश, मनीष व बहन सारिका है. आसिफ ने बताया कि वह लोग गुजैनी में किराया का कमरा लेकर रहते हैं. पिता प्रयागराज में रहते थे. बर्रा में भतीजे ईशू की शादी में शामिल होने के लिए 11 को आए थे.

लोडर की टक्कर से युवक की गई जान

नई बस्ती सुजातगंज रेलबाजार निवासी 25 वर्षीय मोहम्मद नदीम किसी काम से पनकी आया था. लोडर ने भोर में उसे टक्कर मार दी. गंभीर हालत में पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया गया. जहां युवक की सांसे थम गईं. वह भाइयों फहीम, शमीम, नसीम, वसीम में सबसे छोटा था. बेटे की मौत के बाद मां शहनाज बदहवास हो गई.

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