बिजली चोरी के मामलों में यूपी सरकार ने किया शमन शुल्‍क माफ करने का आदेश जारी

सरकार ने घरेलू, वाणिज्यिक और कृषि बिजली चोरी के मामलों में शमन शुल्क माफी का आदेश जारी किया है।

Update: 2021-12-24 02:22 GMT

सरकार ने घरेलू, वाणिज्यिक और कृषि बिजली चोरी के मामलों में शमन शुल्क माफी का आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक दो किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शन वाले उपभोक्ता, एक किलोवाट तक के छोटे कारोबारी और नलकूप कनेक्शन के मामलों में सौ फीसदी शमन शुल्क माफी का प्राविधान किया गया है। दो किलोवाट तक के कारोबारियों के शमन शुल्क को पचास फीसदी माफ करने का आदेश है।

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक सिन्हा ने इस आशय का शासनादेश जारी किया है। उन्होंने लिखा है कि सरचार्ज माफी योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विद्युत चोरी के मामलों में दोषी व्यक्तियों/उपभोक्ताओं की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर से शमन शुल्क की धनराशि को आंशिक रूप से माफ किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। जिसे ध्यान में रखते हुए शमन शुल्क माफ करने का फैसला लिया गया है।
अप्रैल 2020 से अब तक बिजली चोरी के 1.98 लाख मामले पकड़े
एक अप्रैल 2020 से अबतक बिजली चोरी के 198512 मामले पकड़े गए हैं। जिनमें से सबसे बड़ी संख्या घरेलू बिजली चोरी के मामलों की करीब 1.53 लाख है। वहीं 2020 में एक जनवरी से 31 दिसंबर के आंकड़े बताते हैं कि विजिलेंस, यूपीपीसीएल तथा संयुक्त जांच टीमों ने प्रदेश में बिजली चोरी के मामले पकड़ने के लिए 127659 रेड किए थे। रेड में एक लाख से अधिक मामलों में बिजली चोरी पकड़ी गई थी। इसमें से 103793 प्राथमिकी दर्ज कराए गए थे। बिजली चोरी के सबसे अधिक मामले पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में 48259 पकड़े गए थे। सबसे कम केस्को में 1444 चोरी के मामले पकड़ में आए थे।
इस फैसले से दो किलोवाट तक के घरेलू बिजली के चोरी के मामलों में फंसे व्यक्तियों को सीधे 8000 रुपये तथा एक किलोवाट तक वाणिज्यिक बिजली चोरी में फंसे व्यक्तियों की 10 हजार रुपये तक की देनदारी समाप्त हो जाएगी। घरेलू कनेक्शनों पर प्रति किलोवाट 4000 रुपये शमन शुल्क का प्राविधान है।
इस श्रेणी के आरोपी व्यक्तियों/उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
घरेलू उपभोक्ता-एलएमवी-01 दो किलोवाट तक 100 फीसदी
वाणिज्यिक उपभोक्ता एलएमवी-02 एक किलोवाट तक 100 फीसदी
वाणिज्यिक उपभोक्ता एलएमवी-02 दो किलोवाट तक 50 फीसदी
नलकूप उपभोक्ता एलएमवी-05 सभी उपभोक्ता 100 फीसदी
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