Noida: एक साल में सिर्फ 2300 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई
"बिल्डरों ने 530 करोड़ रुपये ही जमा किए"
नोएडा: फ्लैट खरीदारों की सहूलियत के लिए शासन की तरफ से लाए गए अमिताभकांत समिति की सिफारिशों से संबंधित पैकेज सफल नहीं हो पा रहा है. इसमें बिल्डर रुचि नहीं दिखा रहे हैं. पैकेज को आए हुए एक साल का समय हो चुका है लेकिन बिल्डरों ने अब तक 530 करोड़ रुपये ही जमा किए हैं और करीब 2300 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है.
पैकेज के तहत बिल्डरों को अब तक करीब 2500 करोड़ रुपये जमा कर देने चाहिए थे. इसके अलावा करीब पांच हजार फ्लैट की रजिस्ट्री हो जानी चाहिए थी. 21 दिसंबर 2023 को अमिताभकांत समिति से संबंधित पैकेज के विषय में शासनादेश जारी किया गया था. इस पैकेज के तहत एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक बिल्डरों को बकाये पर जीरो पीरियड का फायदा दिया जाना है. इससे बिल्डरों का बकाया कम हो जाएगा. प्राधिकरण ने पहले चरण में उन 57 बिल्डर परियोजनाओं को शामिल किया जिनका किसी न्यायालय में विवाद नहीं चल रहा है. इन 57 परियोजना के बिल्डरों पर प्राधिकरण के करीब आठ हजार करोड़ रुपये बकाया हैं. अनुमान के तौर पर सहमति देने वाले इन परियोजना के बिल्डरों के करीब 1500 करोड़ रुपये कम हो जाते.अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 23 परियोजना के बिल्डर ने बकाये की 25 प्रतिशत राशि जमा की है. इसके अलावा 20 परियोजना के बिल्डरों ने आंशिक रूप से पैसा जमा किया है. इसके अलावा जीरो पीरियड का फायदा दिए जाने के बाद 6 परियोजना का बकाया शून्य हो गया है. करीब 10 परियोजना के बिल्डर ऐसे हैं जिन्होंने पैकेज लेने को लेकर सहमति देकर बकाया जमा नहीं किया है या फिर सहमति भी नहीं दी है.
इस पॉलिसी को ठीक ढंग से लागू कराने के लिए प्राधिकरण अधिकारियों ने काफी प्रयास किए. अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ बीते एक साल में करीब 15-20 बार बैठक की. अधिकांश बड़े बिल्डर बकाया जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. प्राधिकरण ने सबसे बड़े बकायेदार एम्स मैक्स गार्डेनिया की सेक्टर-75 स्थित परियोजना पर कार्रवाई की. इस जगह स्पेक्ट्रम मॉल बना हुआ है. इसके कुछ हिस्से का आवंटन निरस्त कर दिया. इसके बाद बिल्डर कर्मिशयल कोर्ट से स्टे लेकर आ गया. इसके अलावा एक बिल्डर परियोजना के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा को कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिय गया है.
बिल्डरों ने 530 करोड़ रुपये ही जमा किए: प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, अब तक बिल्डरों ने करीब 530 करोड़ रुपये ही जमा किए हैं. इनमें से कई बिल्डर बकाये में 25 प्रतिशत राशि जमा करने के बाद अब पहली किश्त जमा नहीं कर रहे हैं. रजिस्ट्री के लिए भटक रहे 21 हजार 34 फ्लैट खरीदारों में 2300 के ही फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है.