लखनऊ न्यूज़: कम्प्यूटर के सामने ज्यादा देर एक ही पोजिशन में बैठकर काम करना और लगातार बाइक चलाने से कमर दर्द की परेशानी बढ़ी है. लोग एयर कंडीशन में अधिक बैठना और काम करना पसंद करते हैं.
सूर्य की रोशनी शरीर को ठीक से नहीं मिल पाती है. ऐसे में शरीर में विटामिन डी समेत दूसरे तत्वों की कमी हो जाती है, इससे कमर दर्द (बैक पेन) की समस्या गंभीर हो जाती है. समय पर जांच, दवा, कसरत और जीवनशैली में सुधार कर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. यह जानकारी लोहिया संस्थान में एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक मालवीय ने दी. लोहिया संस्थान के प्रेक्षागृह में मिनिमल इनवेजिव एंड स्पाइन इंटरवेंशन विषय पर कार्यशाला में डॉ. दीपक ने कहा कि हर तीसरा व्यक्ति बैक पेन की चपेट में हैं. इसकी बड़ी वजह भागती-दौड़ती जिन्दगी व बदलती जीवन शैली है. तीन महीने से अधिक समय का दर्द को क्रोनिक पेन की श्रेणी में रखा जाता है.
20 मिनट में पता चलेगी लिवर-गुर्दे की सेहत:
केजीएमयू में अब लिवर और गुर्दा की प्रत्यारोपण की सफलता का महज 20 से 30 मिनट में पता लग सकेगा. गुर्दे कितने प्रतिशत काम कर रहे हैं? इसकी भी सटीक जानकारी मिलेगी.
केजीएमयू के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में स्पैक्ट सीटी मशीन लग रही है. इसकी कीमत करीब छह करोड़ 25 लाख है. डॉक्टरों ने बताया कि गुर्दे कितने फीसदी काम कर रहे हैं? लिवर, गुर्दा प्रत्यारोपण कितना सफल रहा. इस मशीन से जांच मुमकिन होगी. इसमें मरीज को खास दवा पिलाने के बाद सीटी स्कैन की तरह जांच होती है. कुछ ही देर में लिवर, गुर्दे की सेहत का हाल मशीन से जुड़े कम्प्यूटर की स्क्रीन पर आ जाएगा. थायराइड ग्लैंड के कैंसर की जांच भी स्पैक्ट सीटी स्कैन से मुमकिन है. ऑपरेशन से पहले और बाद में जांच होगी. ऑपरेशन के बाद मरीज को आयोडीन पिलाकर जांच होगी. अभी पीजीआई भेजा जा रहा था.