Gaziabad: इंद्रप्रस्थ में एक हजार से अधिक लोग पानी न आने से हुए प्रभावित

हैंडपंप से पानी भरकर कई मंजिल तक चढ़ाना पड़ रहा है.

Update: 2024-06-27 08:23 GMT

गाजियाबाद: इंद्रप्रस्थ ब्लॉक बी में पानी न आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या के करीब एक हजार से अधिक लोगों प्रभावित रहे. लोगों को बोतल बंद पानी मंगाकर काम चलाना पड़ा. इसके अलावा हैंडपंप से पानी भरकर कई मंजिल तक चढ़ाना पड़ रहा है.

भोपुरा स्थित इंद्रप्रस्थ ब्लॉक बी में पानी नहीं आने से लोगों परेशानी हो रही है. उन्हें बोतल बंद पानी मंगाकर काम चलाना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी सुभाष ने बताया कि कॉलोनी के ब्लॉक बी में नलकूप से पानी की आपूर्ति की जाती है. एक नलकूप अधिकतर खराब ही रहता है. नया नलकूप लगा तो दिया, मगर अभी शुरू नहीं किया गया है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में पानी खपत ज्यादा होती है. ऐसे में लोगों को बोतलबंद पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है. इससे उनकी जेब पर भी असर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अन्य दिनों में पानी आता भी है तो प्रेशर कम रहता है. इसकी वजह से पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. कई बार तो ऊपरी मंजिलों तक प्रेशर कम होने से आपूर्ति में समस्या आती है.

चौथी मंजिल तक ले जाना पड़ रहा पानी बी ब्लॉक का नलकूप देर रात खराब होने से लोगों को पानी नहीं मिला. कॉलोनी में लगे हैंड पंप से पानी भरने के बाद चौथी मंजिल तक ले जाने में महिलाओं को खासी समस्या हो रही है.

जीडीए के अधिशांसी अभियंता विनोद कटारिया का कहना है बिजली के बार-बार आने से जाने से नलकूप मेंतकनीकी खराबी आ रही है. नलकूप ठीक कराया जा रहा है. जल्द पानी की आपूर्ति की जाएंगी.

अस्पतालों में शुरू नहीं हो सकी कंप्यूटर व्यवस्था

जनपद के सरकारी अस्पतालों में कंप्यूटराइजेशन की व्यवस्था पूरी तरह परवान नहीं चढ़ सकी है. यहां केवल रजिस्ट्रेशन स्लिप कंप्यूटर के जरिये दी जाती है. जबकि पांच चिकित्सकों को छोड़ दें तो अधिकांश ओपीडी रूम में कंप्यूटर व्यवस्था नहीं है.

शासन की तरफ से सरकारी अस्पतालों को कंप्यूटराइज्ड किया जाना है. लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह लागू नहीं हो सकी है. अस्पताल में सिर्फ मरीजों के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ही कंप्यूटर से चल रही है. ओपीडी के सात कमरों में ही कंप्यूटर लगे हैं, जिनमें से पांच ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों का डाटा कंप्यूटर में अपलोड है. एमएमजी अस्पताल में सबसे अधिक मरीज फिजिशियन की ओपीडी में आते हैं, लेकिन यह कंप्यूटर नहीं है. हड्डी रोग विभाग, बाल रोग विभाग, चरम रोग विभाग, इमरजेंसी में भी कंप्यूटर नहीं है. वहीं, संयुक्त अस्पताल में में केवल रजिस्ट्रेशन के लिए कंप्यूटर प्रयोग किया जा रहा है. जबकि ओपीडी में कंप्यूटर नहीं है. यहीं हाल देहात के स्वास्थ्य केंद्रों का है.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों की कमी के चलते योजना को शुरु नहीं किया जा सका है.

Tags:    

Similar News

-->