फैजाबाद: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद यहां उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ उनकी व्यग्रता दर्शाती है. भारत जैसे धर्म प्राण देश में यह बहुत स्वाभाविक भी है. फिर भी आंकड़ों के खेल में शामिल व्यवस्था के लिए बेहद शर्मनाक स्थिति यह है कि रामलला के लिए लालायित यह श्रद्धालु पग-पग पर ठगे जा रहे हैं.
हाल में पुलिस प्रशासन ने बिहार के एक गिरोह का पर्दाफाश किया जो कि चैन स्नैचिंग के जरायम से जुड़ा है. दूसरी ओर भोजन -आवास और यातायात के साथ -साथ दर्शन के लिए हो रही अवैध उगाही पर भी अंकुश के लिए कोई तंत्र नहीं है. हाल यह है कि जिस किसी को मौका मिल रहा है वह श्रद्धालुओं को चूना लगाने से नहीं चूक रहा है. होटल व धर्मशालाओं की बुकिंग कराने वालों को साइबर ठग चूना लगा रहे हैं. बिड़ला धर्मशाला की अपनी कोई वेबसाइट नहीं है फिर भी बिड़ला धर्मशाला के नाम पर अब तक दो दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं को ठगा जा चुका है. धर्मशाला के मैनेजर मानते भी हैं और बताते हैं कि उन्होंने इसकी लिखित शिकायत भी की है क्योंकि इससे संस्थान की बदनामी हो रही है.
हजारों की संख्या में चल रहे ई-रिक्शा चालक हुए बेअंदाज: राम नगरी में राम पथ पर जिला प्रशासन ने गोल्फ कार्ट का ठेका दे दिया है और इनके रेट भी फिक्स है . इसके साथ इलेक्ट्रिक बसों का भी प्रबंध है लेकिन यह बसें भीड़ के बीच यथोचित सेवाएं नहीं दे पा रही है. इसके कारण ई-रिक्शा चालकों की पौ बारह हो गयी है और यह मनमानी पर उतर आए हैं और बेहिसाब किराया वसूल रहे हैं. सौ-दो सौ इनके आंख में लगती ही नहीं हजारों की बात करते हैं. उस पर भी टूटे-फूटे रास्तों पर सवारियों का रिस्क भी उनका अपना है. हर गली-कूचे में इनकी मौजूदगी है. बताया जा रहा है कि आसपास के जनपदों से हजारों की संख्या में आए ई-रिक्शा चालकों की करतूतों से स्थानीय चालक भी परेशान हैं . इन लोगों का रैकेट मंदिर परिसर तक ़फैल गया है और वह दर्शनार्थियों को वीवीआईपी रास्ते से ले जाकर मोबाइल से फोटो शूट की गारंटी देकर वसूली कर लें रहे हैं. इस खेल में वर्दी धारी भी शामिल हैं लेकिन शिकायतों के बाद भी इन्हें चिह्नित नहीं किया जा सका है.