Basti: पुलिस ने बर्खास्त प्रधानाध्यापक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया
बस्ती: खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर दुबौलिया पुलिस ने बर्खास्त प्रधानाध्यापक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. प्रधानाध्यापक पर आरोप है कि एक ही सत्र में हाईस्कूल की परीक्षा समान विषयों में संस्थागत और व्यक्तिगत उत्तीर्ण कर ली. एक अंकपत्र के आधार पर नौकरी कर लिया और बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में प्रधानाध्यापक बन बैठे.
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में 31 वर्षों से शिक्षक के रूप में कार्यरत बटुकधर द्विवेदी इस समय दुबौलिया ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पिठिया लश्करी में बतौर प्रधानाध्यापक तैनात थे. एक व्यक्ति ने बीएसए से शिकायत किया. बीएसए ने शिकायत की जांच कराई, जांच में आरोप सही पाए गए. इस वजह से बीएसए ने प्रधानाध्यापक को बर्खास्त कर दिया था. प्रधानाध्यापक बटुकधर द्विवेदी सत्र 1983 में हाईस्कूल की परीक्षा संस्थागत छात्र के रूप में बाल्मीकि इंटर कॉलेज विक्रमजोत से 246 अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण हुए, जबकि इसी वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा व्यक्तिगत छात्र के रूप में समान विषयों के साथ नेशनल इंटर कॉलेज हर्रैया से 325 अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए. यह यूपी बोर्ड नियमों के विरुद्ध और अनियमित है. इस मामले में बर्खास्त प्रधानाध्यापक के खिलाफ बीईओ दुबौलिया विजय आनंद की तहरीर पर दुबौलिया पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू किया है.
ट्रैक्टर स्वामी की पत्नी को 9.29 लाख रुपये भुगतान का आदेश: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश अमरजीत वर्मा, सदस्य अजय प्रकाश सिंह की पीठ ने ट्रैक्टर मालिक की मृत्यु के मामले में उसकी पत्नी को बीमा धनराशि के रूप में नौ लाख 29 हजार 783 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है.
कोतवाली थाना क्षेत्र के सियरापार गांव निवासी सुभावती ने एसएन दुबे एडवोकेट के माध्यम से फोरम में परिवाद दाखिल कर कहा कि कृष्ण गोपाल ने एक्सिस बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त करके एक सोनालिका ट्रैक्टर 17 2020 को पांच लाख रुपए ऋण लेकर खरीदा था. बैंक ने जो किस्त निर्धारित की थी उसे वह जमा कर रहा था. 27 अप्रैल 2021 को कृष्ण गोपाल की मृत्यु हो गई. एक्सिस बैंक ने ऋण राशि का बीमा मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से कराया था. पीठ ने 294783 रुपए आठ प्रतिशत ब्याज के साथ एक्सिस बैंक से वसूलने का आदेश दिया है. पांच लाख रुपये इंश्योरेंस कंपनी से भुगतान करने को कहा है. शारीरिक और मानसिक कष्ट के एवज में एक लाख रुपये, अधिवक्ता की फीस 25000 रुपये, मुकदमे का खर्च 10 हजार रुपये देने का आदेश दिया है.