ज्ञानवापी मामले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी- मुझे पूरा यकीन, SC निचली अदालत के आदेश पर लगाएगा रोक
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले पर अगली सुनवाई के दौरान निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाएगा और पूर्ण न्याय करेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Masjid issue) पर अगली सुनवाई के दौरान निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाएगा और पूर्ण न्याय करेगा. ओवैसी ने कहा कि जब वाराणसी की अदालत ने नमाजियों की संख्या 20 तक सीमित करने और शिवलिंग मिलने के स्थान की सुरक्षा का आदेश दिया, तो उनकी राय में उस समय गंभीर प्रक्रियात्मक अन्याय हुआ.
उन्होंने कहा, 'उन्होंने नमाजियों को ज्ञानवापी मस्जिद में जाकर इबादत करने की इजाजत दी है. इससे पहले निचली अदालत के आदेश ने इसे 20 लोगों तक सीमित कर दिया था. इसलिए हमें उम्मीद है कि सुनवाई की अगली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट पूर्ण न्याय करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग मिलने की बात कही गई है. साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां नमाज अदा करने और धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति दे दी.
19 मई को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां शिवलिंग पाये जाने की बात कही जा रही है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्ह की पीठ ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का कामकाज देखने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि मुस्लिम बगैर किसी बाधा के नमाज अदा करना जारी रख सकते हैं.
हालांकि, शीर्ष न्यायालय ने दीवानी न्यायाधीश, वाराणसी के समक्ष आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जो ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े वाद की सुनवाई कर रहे हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता हिंदू श्रद्धालुओं को नोटिस जारी किये और मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख निर्धारित की.