Aligarh: बांग्लादेशी नागरिकों के दस्तावेजों की चल रही जांच
"एटीएस ने नगर निगम उन दस्तावेजों का ब्योरा मांगा"
अलीगढ़: बांग्लादेशी सिराज के जन्म प्रमाण पत्र के दस्तावेजों की खोज लखनऊ से लेकर लोकवाणी केंद्र तक किए जा रहे हैं. एटीएस के हत्थे चढ़े भुजपुरा निवासी सिराज ने नगर निगम से 2016 में जन्म प्रमाण पत्र बनवाया है. अब एटीएस ने नगर निगम उन दस्तावेजों का ब्योरा मांगा जो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान सिराज की ओर से दिए गए थे.
नगर निगम में 2016 में पहले ई-नगर सेवा पोर्टल चलता था. इसी पर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र अपलोड किए जाते थे. साल 2020 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पोर्टल को बंद कर दिया. इसके बाद केंद्रीय सीआरएस पोर्टल शुरू कर दिया. पुराना पोर्टल बंद होने के कारण 2020 से बने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का सत्यापन होना मुश्किल हो गया है. नगर निगम में भी दस्तावेज कम सुरक्षित बचे हैं. ऐसे में अब सिराज के दस्तावेजों की जांच के लिए नगर निगम ने कसरत शुरू कर दी है. नगर निगम ने सेवाभवन में पुराने रिकार्ड की पड़ताल कराई लेकिन हाथ नहीं लग सका है. सिराज का जन्म प्रमाण पत्र जिस लोकवाणी से जारी हुआ था वहां से इसका रिकार्ड अब नगर निगम ने मांगा है.
इसके अलावा पुराने ई-नगर सेवा पोर्टल व लखनऊ से दस्तावेज मंगाने की प्रक्रिया चल रही है. अभी तक की जांच पड़ताल में सामने आया है कि जन्म प्रमाण पत्र फर्जी जारी नहीं हुआ है. जन्म प्रमाण पत्र दस्तावेज के आधार पर ही जारी किया गया है. लेकिन अब इसकी जांच की जा रही है कि आवेदन के दौरान कौन से दस्तावेज लगाए गए थे. प्रथम दृष्टया वोटर आईडी कार्ड हो सकता है. दस्तावेज लखनऊ मुख्यालय व अलीगढ़ की लोकवाणी केंद्र से मांगा गया है. नगर निगम प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में कई मामलों में मुकदमा भी हो चुका है. एक मामले में 2024 में सिविल लाइन थाने में तहरीर दी गई थी, लेकिन अभी तक मुकदमा नहीं हुआ है. सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह ने बताया कि लखनऊ व लोकवाणी से दस्तावेजों को मंगाने की कोशिश चल रही है. प्रमाण पत्र के लिए लोकवाणी के माध्यम से ही बना है. लोकवाणी से दस्तावेज नगर निगम में जमा किए गए या नहीं इसकी भी जांच हो रही है. पुलिस के अनुसार मामले की गहन जांच जारी है. सभी एंगल तलाशे जा रहे हैं.