जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में प्रस्ताव पत्र के बाद अब दाखिले की जद्दोजहद

शिक्षा विभाग से ऑफर लेटर मिलने के बावजूद स्कूल दाखिले से इंकार कर रहे हैं

Update: 2024-03-29 06:34 GMT

गाजियाबाद: जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत चयनित बच्चों के अभिभावकों को दाखिले के लिए मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है. शिक्षा विभाग से ऑफर लेटर मिलने के बावजूद स्कूल दाखिले से इंकार कर रहे हैं.

स्कूलों का कहना है कि शिक्षा विभाग से इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है, इसीलिए अप्रैल के बाद आएं. इसका सीधा मतलब है कि साल-दर-साल आरटीई के अभिभावकों को टालने और फिर दाखिला नहीं देने वाली प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. जिले में आरटीई के पहले चरण में 7,326 ने आवेदन किया, इसमें से 25 आवेदन रद्द हो गए और 4,806 आवेदनों को लक्की ड्रॉ में शामिल किया गया. 26 फरवरी को कराए गए लक्की ड्रॉ में 3,721 बच्चों का चयन किया और 1085 छात्रों को सीट फुल होने के कारण स्कूल आवंटित नहीं किए गए.

कायदे में लक्की ड्रॉ में चयनित बच्चों छह तक दाखिला मिल जाना चाहिए था, मगर शिक्षा विभाग तय समय पर ऑफर लेटर उपलब्ध नहीं करा सका. इस बीच अभिभावक शिक्षा विभाग और खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गए. वही,ं अब स्कूल दाखिला नहीं दे रहे हैं. पहले ऑफर लेटर के लिए और अब स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावकों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है. कोई स्कूल कह रहा है कि उन्हें शिक्षा विभाग ने सूची नहीं भेजी तो किसी स्कूल का कहना है कि अप्रैल के बाद आना तो कोई स्कूल सीधा मई-जून में दाखिले देने की बात कह रहा है.

सभी स्कूलों को चयनित बच्चों की सूची भेज दी गई है. अभी तक किसी भी अभिभावक की शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलेगी तो स्कूलों से बात कर दाखिला कराया जाएगा. - ओपी यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

लोनी के सेंट थॉमस स्कूल में बेटी का चयन हुआ है. स्कूल का कहना है कि मई-जून में दाखिले होंगे. अभी शिक्षा विभाग ने उन्हें सूची नहीं दी.

- राहुल कुमार, अभिभावक

ओमसन पब्लिक स्कूल में बेटे का चयन हुआ है. मगर स्कूल ने दाखिला नहीं दिया है. स्कूल का कहना है कि शिक्षा विभाग से अभी कोई लेटर नहीं मिला.

अनुभव कुमार, अभिभावक

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