पट्टिना प्रवेशम शोभायात्रा पर प्रतिबंध को लेकर विवाद, 500 साल पुरानी है महंत को पालकी में लेकर जाने वाली परंपरा

तमिलनाडु (Tamil Nadu) में पट्टिना प्रवेशम शोभायात्रा (महंत को पालकी में लेकर जाने वाली यात्रा) निकालने पर प्रतिबंध को लेकर विवाद जारी है.

Update: 2022-05-04 17:11 GMT

तमिलनाडु (Tamil Nadu) में पट्टिना प्रवेशम शोभायात्रा (महंत को पालकी में लेकर जाने वाली यात्रा) निकालने पर प्रतिबंध को लेकर विवाद जारी है. बता दें कि कार्यक्रम मई के अंतिम सप्ताह में होना है लेकिन इससे पहले इस पर रोक लगा दी गई है. इससे कई लोग आहत हैं. इस क्रम में मदुरै अधीनम के प्रमुख श्री हरिहर श्री ज्ञानसंबंदा देसिका स्वामीगल ने कहा कि धरमापुरम अधीनम 500 साल पुराना है और पिछले 500 साल से यह (Pattina Pravesam) चल रहा था, लेकिन इस साल इस पर रोक लग जाने से मुझे दुख हो रहा है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कार्यक्रम सदियों से होता आ रहा है और इसे ब्रिटिश राज के दौरान तथा देश की आजादी के बाद सभी मुख्यमंत्रियों ने भी अनुमति दी थी. उन्होंने कहा कि पूर्व दिवंगत सीएम करुणानिधि ने भी इसकी अनुमति दी थी. इसे किसी ने नहीं रोका. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री स्टालिन से मेरा अनुरोध है कि वे स्वयं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करें और समारोह में शामिल हों. स्वामीगल ने कहा कि जब सरकार से इस पर से रोक हटाने की बात करता हूं तो सरकार मुझे धमकी देती है. उन्होंने आगे कहा कि अधीनम की कई संपत्तियां सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों के पास हैं. मदुरै अधीनम के प्रमुख ने आगे कहा कि हमारा देश सेक्युलर है. एक ही धर्म के लिए सारे प्रतिबंध क्यों? मैं इस मामले की रिपोर्ट पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को करूंगा.
उधर, मन्नारगुडी श्री सेंडलंगरा जीयर, वैष्णव गुरु ने कहा है कि पट्टिना प्रवेशम एक धार्मिक अनुष्ठान है. इसे रोकने का अधिकार किसी को नहीं है. यह मठ के अनुयायियों द्वारा किया जाता है. मैं मन्नारगुडी जीयर के रूप में इन 'धर्मद्रोही' और 'देशद्रोही' को उनके हिंदू विरोधी कार्यों के लिए चेतावनी देता हूं. उन्होंने कहा कि अगर वे हिंदू मान्यताओं और मंदिरों में हस्तक्षेप करते हैं, तो इस सरकार का कोई भी मंत्री सड़क पर नहीं चल पाएगा.


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को हस्तक्षेप करना चाहिए-मदुरै अधीनम
ज्ञानसंबंदा देसिका स्वामीगल ने मंगलवार को धरमापुरम अधीनम के महंत को अनुयायियों द्वारा पालकी में लेकर निकाले जाने वाली वार्षिक पट्टिना प्रवेशम शोभायात्रा पर राजस्व अधिकारियों के रोक लगाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को हस्तक्षेप करना चाहिए और कार्यक्रम का आयोजन होने देना सुनिश्चित करना चाहिए. मदुरै अधीनम ने दावा किया, 'यह कार्यक्रम लोगों की अपने गुरु के प्रति सम्मान का प्रतीक है और वे स्वेच्छा से गुरु को अपने कंधों पर लेकर चलते हैं.' उन्होंने कहा कि धरमापुरम अधीनम का शैव सम्प्रदाय के लोगों के लिए वही महत्व है जो कैथोलिक ईसाइयों के लिए वेटिकन सिटी का है. साथ ही, इस प्राचीन शैव मठ की परंपरा का सम्मान करना चाहिए, ना कि विरोध.


कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाना निंदनीय
उन्होंने कहा, 'यह दावा करते हुए कि उक्त परंपरा मानव की गरिमा को प्रभावित करती है, कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाना निंदनीय है. धार्मिक परंपराओं में हस्तक्षेप करना निंदनीय है. मैं मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से पट्टिना प्रवेशम कराने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह करता हूं.' बता दें कि मयीलादुथुरई जिले के राजस्व अधिकारियों ने संविधान के अनुच्छेद 23 का हवाला देते हुए निषेधाज्ञा जारी कर दी है और कहा कि कार्यक्रम नहीं किया जा सकता क्योंकि लोगों से पालकी ढोने को कहा जाता है.


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