राजस्थान रोडवेज को उपभोक्ता कोर्ट ने टिकट की रकम व 10 हजार क्षतिपूर्ति के आदेश दिए
कोटा: कोटा राजस्थान रोड़वेज से टिकट के 40 रुपए रिफंड लेने के लिए एक बुजुर्ग ने 4 साल जंग लड़ी। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग कोटा ने बुजुर्ग के पक्ष में फैसला देते हुए मुख्य प्रबंधक राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) जयपुर व प्रबंघक रोड़वेज कोटा को टिकट के 40 रूपए मय ब्याज के रिफंड करने के आदेश दिए। साथ ही 10 हजार क्षतिपूर्ति के निर्देश दिए है। परिवादी कजोड़मल (63) विष्णु किराना स्टोर के पीछे, बालाकुंड, केशवपुरा कोटा के निवासी है। और PHED विभाग से तकनीकी कर्मचारी पद से रिटायर्ड है।
40 रूपए रिफंड के लिए बुजुर्ग ने 4 साल जंग लड़ी। परिवादी के वकील लोकेश सैनी ने बताया कि नवंबर 2019 में कजोड़मल कोर्ट के काम से जयपुर गए थे। 25 नवंबर दोपहर को अपने दोस्त नवलकिशोर के साथ कोटा लौट रहे थे। उन्होंने राजस्थान रोड़वेज की अलवर डिपो की बस में जयपुर से कोटा के लिए 500 रूपए में दो टिकट लिए थे। रोड़वेज बस टोंक, देवली होते हुए बूंदी बस स्टैंड पहुंची। बूंदी में बस कंडक्टर ने 20 मिनट का स्टॉप होना बताया। कंडक्टर से पूछकर कजोड़मल टॉयलेट करने चले गए। इस बीच ड्राइवर व कंडक्टर ने 5 से 7 मिनट में ही बस रवाना कर दी। साथी नवल किशोर के कहने पर भी बस नहीं रोकी। कजोड़मल दूसरी बस में बैठकर कोटा के लिए रवाना हुए। बस के कंडक्टर ने दूसरी बस के टिकट पर बूंदी से कोटा तक का सफर नही करने दिया। और 40 रूपए का टिकट बना दिया।
26 नवम्बर 2019 को कजोड़मल ने मुख्य प्रबंधक राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) जयपुर व प्रबंघक रोड़वेज कोटा को नोटिस भिजवाया। जिसका कोई जवाब नहीं दिया। ना ही टिकिट की राशि रिफंड की। कजोड़मल ने 21 जनवरी 2020 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की शरण ली। और टिकट की राशि 250 + 40 =290 दिलाने व शारीरिक और मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए 5 हजार व परिवाद खर्च 5 हजार कुल 10 हजार रूपए दिलाने की मांग की।