छात्र की मौत का मामला: 50 लाख मुआवजा और नौकरी की मांग पर अड़ा परिवार, फिर पुलिस पर किया हमला
जालोर: राजस्थान के जालोर जिले में एक टीचर की हैवानियत का मामला सामने आया है. जहां इस घटना के अनुसार, जिले में एक छात्र की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां एक स्कूल टीचर पर आरोप लगा है कि उसने 9 साल के एक दलित बच्चे को मटके से पानी पीने पर जमकर पिटाई कर दी, जिसके बाद 13 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी. वहीं, इस घटना के बाद दलित समाज के लोगों में काफी आक्रोश है. जहां पुलिस प्रशासन समझा बुझा रहा था. इस दौरान परिजन अड़े थे कि मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए क मुआवजा मिले. इसी बीच पुलिस और परिजनों के बीच झड़प हुई है. जहां सामाजिक संगठन और परिजनों ने पथराव किया है.
दरअसल, परिजन इस बात को लेकर अड़े थे कि व्यक्ति को नौकरी मिले और स्कूल की मान्यता रद्द हो. इसके साथ ही उनकी मांग थी कि इन तीनों घोषणाओं को मुख्यमंत्री अभी के अभी ट्वीट करें. अन्यथा मृतक बच्चे का शव नहीं उठाएंगे. इसी बीच प्रशासन ने मृतक के परिजनों को समझाया बुझाया. लेकिन भीम आर्मी के कुछ लोगों ने अपशब्द कहना शुरू किया. इस दौरान पुलिस और परिजनों के बीच झड़प शुरु हुई. इस दौरान सामाजिक संगठन और परिजनों ने पथराव किया है, जिसमें कई गाड़ियों के शीशे तोड़े कई पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों को चोटें आई है. फिलहाल घटनास्थल पर माहौल खराब हो गया है. पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा है.
बता दें कि, इस घटना के बाद मासूम बच्चे की जान लेने वाले शिक्षक छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस दौरान पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ ST/SC एक्ट और IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. जहां दलित छात्र इंद्र कुमार की मौत पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर विपक्ष और केंद्र के कई नेताओं ने परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई है. इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से देने का ऐलान किया है. वहीं पुलिस की ओर से इस मामले के त्तकाल अनुसंधान और दोषी को जल्द सजा देने के लिए केस ऑफिसर स्कीम के तहत चलाने का फैसला किया गया है.