मिरासी समुदाय को एमबीसी में शामिल करने को लेकर राज्य सरकार 4 माह में करे निर्णय-हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने मिरासी समुदाय को एमबीसी में शामिल करने के मामले में कहा है कि किसी भी जाति या समुदाय विशेष को एमबीसी में शामिल करने या नहीं करने के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार को है.

Update: 2021-11-13 11:54 GMT

जनता से रिश्ता। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने मिरासी समुदाय को एमबीसी में शामिल करने के मामले में कहा है कि किसी भी जाति या समुदाय विशेष को एमबीसी में शामिल करने या नहीं करने के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार को है. हाईकोर्ट को इस संबंध में दखल का अधिकार नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे को अंतहीन समय तक लंबित भी नहीं रखा जा सकता. ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाते हैं कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए जाने वाले विस्तृत अभ्यावेदन का परीक्षण कर चार माह में उचित निर्णय लिया जाए. न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ ने यह आदेश राजकुमार मिरासी की ओर से दायर जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि कई दशकों से समारोह में गा-बजाकर लोगों का मनोरंजन करने वाले लोगों को मुस्लिम मिरासी नाम दिया गया है. इस वर्ग के लोग शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी पिछडे हुए हैं. ऐसे में उन्हें एमबीसी वर्ग में शामिल कर लाभान्वित किया जाए.
इस संबंध में आवश्यक दस्तावेजों के साथ राज्य सरकार को कई बार अभ्यावेदन भी दिया जा चुका है, लेकिन उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. जिसका निस्तारण करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए जाने वाले अभ्यावेदन को चार माह में निस्तारित करने को कहा है.


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