अजमेर तीन दिन बाद मिला पुत्र का शव

Update: 2023-07-18 10:37 GMT

अजमेर: अजमेर. आखिर तीन दिन तक शहर में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल और पुलिस थानों के चक्कर लगाने के बाद एक पिता को अपने जवान बेटे का शव नसीब हो सका। शव सुपुर्दगी में जिला पुलिस के आला अफसरों को हस्तक्षेप करना पड़ा। जिसके बाद सदर कोतवाली थाना पुलिस ने शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया। सोमवार देर शाम पिता बेटे का शव लेकर उड़ीसा राउरकेला रवाना हो गया।

यूं चला घटनाक्रम : सोमवार को उड़ीसा राउरकेला निवासी टाबलू तांती अपने रिश्तेदारों व कुछ स्थानीय लोगों के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(शहर) सुनील तेवतिया के सामने पेश हुए। जिसे तेवतिया ने सीओ (नॉर्थ) छवि शर्मा के पास भेजा। शर्मा द्वारा कोतवाली थानाधिकारी को आदेश देने पर पिता की रिपोर्ट पर संदिग्ध हालात में मृत्यु का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने देर शाम मेडिकल बोर्ड से मृतक हरीश कुमार तांती के शव का पोस्टमार्टम करवाया।

पहले टालते-टरकाते रहे : इससे पहले टाबलू तांती को जीआरपी थाने पहुंचने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वे फिर से सदर कोतवाली पहुंचे। टाबलू ने स्थानीय लोगों के साथ अति. पुलिस अधीक्षक (सिटी) से मिलकर गुहार लगाई तो मामला सुलझा। देर शाम वह शव सड़क मार्ग से उड़ीसा लेकर रवाना हुआ।

टावर पर डालता था केबल : तांती ने बताया कि हरीश प्राइवेट कम्पनियों में बिजली के टावर पर केबल डालने का काम करता था। उसे 13 जुलाई रात अजमेर जीआरपी ने पकड़ा था। पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद उसने वकील से बात कर उसकी जमानत भी करवा दी। शाम 7 बजे तक हरीश से उसकी बात हुई। उसे जीआरपी ने हरीश को आरपीएफ द्वारा सौंपना बताकर शांतिभंग में गिरफ्तार बताया। लेकिन एक घंटे बाद मौत की खबर आई। उसकी जेब में सिर्फ कार्ड व दस्तावेज मिले। नहीं पता, कहां से लाए अस्पताल हरीश को जेएलएन अस्पताल में कौन छोड़कर गया, यह रहस्य बना हुआ है। आपातकालीन यूनिट के रजिस्टर में 108 एंबुलेंस का उल्लेख है। लेकिन उसे कहां से और कब उठाकर लाया इसका जवाब किसी के पास नहीं। जबकि उसके शरीर पर सिर के पीछे के हिस्से, कंधे, कान और पीठ पर चोट है। पुलिस अब मामले में हर पहलू की जांच कर रही है।

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