नई दिल्ली: आज राजस्थान में गहोलत कैबिनेट का पुनर्गठन हो रहा है जिसके बाद कुल 15 विधायक मंत्री पद की शपथ लें रहे हैं. इनमें 11 विधायक कैबिनेट मंत्री हैं जबकि 4 राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ले रहे हैं.
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा है कि जो कमी थी वो दूर हो गई हैं और सबकुछ ठीक हो गया है, पूरी पार्टी एक है. लेकिन इस बीच कुछ विधायकों के नाराज होने की बात भी सामने आ रही है.
मंत्रियों के शपथ लेने से पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि जो लोग कैबिनेट में शामिल नहीं हो रहे हैं, उनका गवर्नेंस में कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं से कम योगदान नहीं है. दरअसल कुछ नेता शपथग्रहण में शामिल नहीं हो रहे हैं. साफिया जुबेर और जौहरी लाल मीणा ने शपथ ग्रहण का बहिष्कार कर दिया है. साफ़िया रामगढ़ अलवर से और जौहरी लाल मीणा राजगढ़ अलवर से विधायक हैं. साफ़िया का कहना है कि महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा. वहीं जौहरी लाल मीणा ने केबिनेट में टीकाराम जूली को प्रमोट किए जाने का विरोध किया है.
कैबिनेट में शामिल हुए 4 दलित मंत्री
वहीं शपथ ग्रहण के पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बताया कि नई कैबिनेट में इस बार 4 दलित मंत्रियों को भी शामिल किया गया है. हमारी पार्टी चाहती है कि दलित, उपेक्षित, पिछड़े लोगों का प्रतिनिधित्व हर जगह होना चाहिए. और पिछले काफी वक्त से हमारी सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं था जिसकी अब भरपाई कर दी गई है. दलितों के साथ ही आदिवासियों का भी प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया है. इस मंत्रिमंडल में एक मुस्लिम मंत्री को भी शामिल किया गया है.