Rajasthan राजस्थान: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 03 और 04 अक्टूबर, 2024 को राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में चौथी पीढ़ी के तकनीकी रूप से उन्नत लघुकृत अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) के तीन उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किए। परीक्षण उच्च गति वाले लक्ष्यों के विरुद्ध किए गए, जिसमें अधिकतम सीमा और अधिकतम ऊंचाई अवरोधन के बहुत महत्वपूर्ण मापदंडों का प्रदर्शन किया गया। इन विकास परीक्षणों ने विभिन्न लक्ष्य संलग्न परिदृश्यों में हथियार प्रणाली की हिट-टू-किल क्षमता की दोहराव क्षमता को प्रदर्शित किया, जिसमें निकट आना, पीछे हटना और क्रॉसिंग मोड शामिल हैं।
VSHORADS मिसाइलों का विकास पूरा हो चुका है और दो उत्पादन एजेंसियों को विकास सह उत्पादन भागीदार (DcPP) मोड में लगाया गया है। इन परीक्षणों में, DcPP के माध्यम से प्राप्त मिसाइलों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, इस प्रकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप कम समय में प्रारंभिक उपयोगकर्ता परीक्षणों और उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। वीएसएचओआरएडीएस एक मानव पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है जिसे अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और डीसीपीपी के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
तीनों सेनाएं शुरू से ही इस परियोजना से जुड़ी रही हैं और विकासात्मक परीक्षणों के दौरान भाग लिया है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल विकास परीक्षणों में शामिल डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह नई मिसाइल सशस्त्र बलों को हवाई खतरों के खिलाफ और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ टीम, उद्योग भागीदारों और उपयोगकर्ताओं को बधाई दी।