सोनोग्राफी के लिए मरीजों को करना पड़ रहा 10 दिन का इंतजार
स्टाफ की कमी और रेजिडेंट डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने के करना पड़ रहा इंतज़ार
राजस्थान: जयपुरिया हॉस्पिटल में इन दोनों मरीजों को सोनोग्राफी करवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। स्टाफ की कमी और रेजिडेंट डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने के कारण सोनोग्राफी के लिए मरीजों को 8 से 10 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। रुटीन जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओ भी परेशान हो रही हैं। यहां डॉक्टर 7 से 8 दिन बाद सोनोग्राफी करने का समय दे रहे हैं। यहां साल 2014 से अब तक स्टाफ में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, जिसके चलते ये परेशानी हो रही है।
प्रतिदिन 100 से अधिक सोनोग्राफी: डॉ. जीवराज राठौड़ ने कहा- 2014 तक प्रतिदिन 20 से 25 सोनोग्राफी ही होती थीं। लेकिन अब यह संख्या हर दिन 125 से ज्यादा हो गई है. तीन डॉक्टर प्रतिदिन करीब 80 से 100 मरीजों की सोनोग्राफी कर उनकी रिपोर्ट तैयार करते हैं।
बुजुर्ग-बच्चों और गंभीर मरीजों को इंतजार नहीं कराया जा रहा है: डॉक्टर ने बताया कि यहां आने वाले बुजुर्गों, छोटे बच्चों और गंभीर मरीजों को सोनोग्राफी के लिए वेटिंग नहीं दी जाती है। यदि संभव हो तो एक दिन के भीतर सोनोग्राफी रिपोर्ट दे दी जाती है।
कोई रेजिडेंट डॉक्टर न होना भी एक समस्या है: डॉक्टर राठौड़ ने कहा- सभी सीनियर डॉक्टर सोनोग्राफी पर काम कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से एक भी रेजिडेंट डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। इस वजह से भी वेटिंग बढ़ती जा रही है. बीच में कुछ समय के लिए हमारे पास दो रेजिडेंट डॉक्टर थे, जिसके बाद प्रतीक्षा शून्य हो गई। रचना बैरवा अस्पताल में जब एक मरीज डॉक्टर को दिखाने आया तो उसे पेट की सोनोग्राफी कराने के लिए पर्ची लिख दी गई। जब वह सोनोग्राफी कराने काउंटर पर पहुंची तो उसे 7 दिन आगे की डेट दी गई।