राजस्थान में ओवैसी बढ़ाएंगे अशोक गहलोत का दर्द, जानें क्या है AIMIM का सियासी 'प्लान'

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अत में होने है। प्रदेश में तीसरी ताकत बनने के लिए पार्टियों ने राजनीतिक जमीन तलाशनी तेज कर दी है।

Update: 2022-08-18 05:04 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अत में होने है। प्रदेश में तीसरी ताकत बनने के लिए पार्टियों ने राजनीतिक जमीन तलाशनी तेज कर दी है। AIMIM ने हाल में यह भी दावा किया है कि राजस्थान में उनके एक सर्वे में लोगों ने उन्हें समर्थन दिया है। मुस्लिम-दलितों का समर्थन मिलेगा। ओवैसी की पार्टी ेसे जुड़े नेताओं का तो यहां तक कहना है कि पार्टी के आंतरिक सर्वे में बसपा और आप पार्टी से ज्यादा समर्थन मिला है। बताया जा रहा है कि ओवैसी सर्वे से गदगद है। जबकि कांग्रेस का कहना है कि रास्थान में तीसरी पार्टी के लिए कोई जगह नहीं है। हमेशा की तरह मुकाबल भाजपा से ही होगा। चर्चा है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी विधानसभा चुनावों में क्षेत्री पार्टी बीटीपी से गठबंधन कर सकती है। यदि गठबंधन हो जाता है तो एक अनुमान के अनुसार प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों की 50 सीटों पर असर पड़ सकता है। गठबंधन से ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होने की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश में 11 से 12% मुस्लिम आबादी है और मुस्लिम समुदाय परंपरागत तौर कांग्रेस का वोट बैंक रहा है ऐसे में ओवैसी की एंट्री से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। ओवैसी 4 बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं।

ओवैसी की टीम ने संभावनाएं टटोलनी शुरू की
असदुद्दीन ओवैसी का फोकस 15 जिलों की 40 मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर है। बताया जाता है कि ओवैसी की टीम ने संभावनाएं टटोलनी शुरू कर दी हैं। भावी उम्मीदवारों तक के बारे में काम शुरू किया जा चुका है। बीटीपी ने पिछली बार डूंगरपुर और बांसवाड़ा में कांग्रेस तथा बीजेपी के समीकरण बिगाड़े थे। इस बार बीटीपी उदयपुर और प्रतापगढ़ में विस्तार करेगी। भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी आदिवासी जिलों में तेजी से उभर रही है। युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रही है। राजस्थान विधानसभा में बीटीपी के दो विधायक है। धरियावद विधासनभा उपचुनाव में बीटीपी ने भाजपा के समीकरण बिगाड़ दिए। पार्टी प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा है। बीटीपी के बढ़ते प्रभावा का ओवैसी सियासी लाभ उठाना चाहते हैं। संभवत: यही कारण है कि सीएम गहलोत आदिवासी जिलो में अब ज्यादा फोकस कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों के आराध्य स्थल मानगढ़ का दौरा किया। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही आदिवासियों का विकास कर सकती है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले बेणेश्वर धाम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बड़ी जनसभा कर चुके हैं।
ओवैसी कर रहे हैं राजस्थान का लगातार दौरा
हाल ही में किए गए सर्वे में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा है कि एआईएमआईएम राजस्थान में मुस्लिम और दलितों की आवाज बनेगी। ओवैसी ने अपने पिछले दौरे के दौरान कहा था कि उनकी पार्टी राजस्थान में संगठन खड़ा करेगी। राजस्थान में एआईएमआईएम बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान चलाने पर भी विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि चुनावों को लेकर पार्टी की नजरें मुस्लिम वोटर्स पर है। राजस्थान में 2011 की जनगणना के मुताबिक 9 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है जो कांग्रेस को वोट देता रही है। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों को देखें तो यहां 40 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स का असर है जहां 2018 के चुनावों में 40 में 29 कांग्रेस, 7 बीजेपी, 3 बसपा और 1 निर्दलीय के खाते में गई।
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