Jaipur जयपुर । राजस्थान के ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर ने गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में आयोजित "रिन्यूअल एनर्जी इंडिया एक्सपो" के उद्घाटन में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। श्री नागर ने एक्सपो में राजस्थान सोलर एसोसिएशन द्वारा आयोजित "अग्रणी राजस्थान" प्रदर्शनी एवं कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री नागर ने कहा कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा भू-भाग वाला राज्य है, जहां के पश्चिमी इलाकों में सोलर ऊर्जा उत्पादन के प्रोजेक्ट लगाने की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अगर कोई पहली पसंद है तो वह राजस्थान है। हमारे प्रदेश के पास अतिरिक्त रेडिएशन है और हजारों किलोमीटर सीमावर्ती इलाका है, रेगिस्तान इलाके में हमारे पास जमीन है सोलर प्रोजेक्ट लगाए जाने की बेहतरीन दशाएं मौजूद हैं। श्री नागर ने कहा कि किसी भी देश की जीडीपी को बढ़ाने के लिए एनर्जी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है एनर्जी के बिना संभव नहीं है कि विकास को बढ़ाया जा सके।
श्री नागर ने कहा कि राजस्थान में आज 22000 मेगावाट सोलर एनर्जी का उत्पादन हो रहा है, लेकिन राजस्थान में जो उपयोग हो रहा है वह लगभग 5000 मेगावाट है। बाकी सरप्लस सोलर एनर्जी हम अन्य राज्यों को देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज 500 गीगावाट का लक्ष्य प्रधानमंत्री का है, अगर उस लक्ष्य को पूरा करना हैं तो 250 गीगावाट का सोलर राजस्थान में लगेगा तभी संभव हो पाएगा।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर आगामी दिसंबर में आयोजित किए जा रहे "राइजिंग राजस्थान कॉन्क्लेव" में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करते हुए श्री नागर ने कहा कि राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र सहित किसी भी अन्य संभावित क्षेत्र में निवेश के लिए जो भी निवेशक आगे आना चाहते हैं वह राइजिंग राजस्थान कॉन्क्लेव में आकर सरकार के साथ भागीदारी को आगे बढ़ा सकते हैं। राजस्थान सरकार औधोगिक प्रोजेक्ट लगाने के लिए निवेशकों को उपयुक्त जमीन और अन्य सभी जरूरी सुविधाएं, रियायतें प्राथमिकता के साथ देने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने निवेशकों के हित में नीतिगत स्तर पर कई सकारात्मक फैसले लिए हैं जिससे प्रेरित होकर निवेशकों और हमारी सरकार ने 9 महीने के कार्यकाल में 32000 मेगावाट के संयंत्र लगाने का एमओयू साइन किये है। श्री नागर ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान में सोलर ऊर्जा के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को और अधिक मजबूत बनाया जाए ताकि राज्य के साथ-साथ देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके।