होल्डिंग टैक्स रखने पर चुकाना पड़ रहा है 855 तक का ब्याज
पिछले कई वर्षों से उनका परिवार झारखंड में ही रहता था
भागलपुर: वार्ड संख्या 31 स्थित सेंट्रल जेल रोड के ओमप्रकाश भगत झारखंड में केंद्रीय संस्थान में नौकरी करते थे. पिछले कई वर्षों से उनका परिवार झारखंड में ही रहता था. पिछली बार उन्होंने 2013-14 में नगर निगम का होल्डिंग टैक्स जमा किया था. बाहर रहने की वजह से वह उसके बाद नगर निगम का होल्डिंग टैक्स जमा नहीं कर सके. इसके बाद से उनका टैक्स बढ़ते-बढ़ते 24 हजार रुपये हो गया. वहीं अब उनके पास 855 प्रतिशत ब्याज की दर से होल्डिंग टैक्स जमा करने का नोटिस आया है. इसके बाद से वह नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं.
जानकारी नहीं होने के कारण परेशानी यह इकलौता मामला नहीं है. ऐसे बहुत सारे लोग अपना बिल लेकर नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं. दरअसल होल्डिंग टैक्स पर ब्याज निर्धारित करने का प्रावधान 2014 से ही लागू है, लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण अब लोगों को बकाया टैक्स पर काफी ज्यादा सूद अदा करनी पड़ रही है. ऐसे में लंबे अरसे से होल्डिंग टैक्स नहीं चुकाना शहर के लोगों पर भारी पड़ रहा है. नगर निगम की ओर से पिछले कुछ वर्षों से टैक्स नहीं जमा करने वालों को नोटिस भेजा रहा है. शहर के लोगों को टैक्स की राशि पर 855 प्रतिशत तक जुर्माना अदा करना पड़ रहा है. इस नोटिस से परेशान लोग नगर निगम में चक्कर लगा रहे हैं. वहीं, नगर निगम प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि इस संबंध में शासन की ओर से 2014 में ही प्रावधान कर दिया गया था. ऐसे में इसमें किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है. ऐसे में शहर के लोग परेशान हैं.
पहले नगर-निगम की ओर ने नहीं मिला था नोटिस ओमप्रकाश भगत ने कहा कि बिना किसी सूचना के उनके पास नगर निगम की ओर से 855 प्रतिशत सूद के साथ 24 हजार रुपये टैक्स पर ब्याज समेत कुल 49 हजार रुपये का नोटिस आया है. बाहर होने के कारण टैक्स नहीं जमा कर सका था, लेकिन नगर निगम की ओर से इस बीच टैक्स जमा करने के संबंध में कोई नोटिस नहीं आया था.
जब से प्राइवेट कंपनी आई है, होल्डिंग टैक्स का मनमाने ढंग से एसेसमेंट करती है. टैक्स लेने के बाद लोगों को रसीद नहीं दी जा रही है. यह जनता के धन का पूरी तरह से दुरुपयोग है.
-संजय सिन्हा, पार्षद वार्ड संख्या 21
होल्डिंग टैक्स पर 1.5 प्रतिशत ब्याज का प्रावधान है. प्रति वर्ष ब्याज के दर में बढ़ोतरी होती है. अगर किसी का 2014 से बकाया है तो उसे 855 प्रतिशत तक ब्याज देना पड़ेगा. -प्रदीप झा, टैक्स प्रभारी