railway network : राजस्थान में भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क

Update: 2024-06-05 12:58 GMT
rajasthan news :भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. इंडियन रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 1,26,366 किलोमीटर है और हर साल इसका विस्तार होता जा रहा है. देश के विभिन्न राज्यों में कई रेलवे लाइन प्रस्तावित हैं तो किसी पर काम चल रहा है. इसी कड़ी में एक रेल लाइन बहुत अहम है जिसे 2000-01 के रेल बजट में मंजूरी मिली थी. हम बात कर रहे हैं भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन की. इस रेलवे लाइन का wait  मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोग कई सालों से कर रहे हैं लेकिन उनका यह इंतजार आने वाले दिनों में खत्म होने वाला है. 262 किलोमीटर लंबी भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन का काम तेजी से जारी है और अब तक 114 किलोमीटर तक निर्माण कार्य पूरा हो गया है. 2000-1 के रेल बजट में मंजूर हुई इस रेल लाइन पर 2004 से निर्माण कार्य शुरू हुआ था. आइये आपको बताते हैं इस रेलवे लाइन का पूरा रूट और इसके परिचालन से लोगों को किस कदर फायदा होगा.
लाखों यात्रियों को बड़ा फायदा भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद मध्य प्रदेश में राजगढ़, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, कुरावर, श्यामपुर, मुबारकगंज और दोराहा जैसे क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचेगा. वहीं, राजस्थान में घाटोली, इकलेरा, जूनाखेड़ा, झालरा पाटन और रामगंजमंडी के लोग भी फायदे में रहेंगे. अकेले राजगढ़ जिले की 19 लाख से ज्यादा की आबादी 2 साल के अंदर रेल मार्ग से भोपाल, सीहोर और राजस्थान के कोटा से जुड़ जाएगी.
रेलवे की प्रोजेक्ट समरी के अनुसार, शुरुआत में इस रेलवे लाइन की लागत 424 करोड़ रुपये थी, जो बाद में संशोधित होने के बाद पहले 2909 करोड़ और फिर 3032.46 करोड़ रुपये हो गई. इस रेलवे लाइन को पहले मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इसे संशोधित करके अब दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल, रेलवे लाइन का 68 फीसदी काम पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य तेजी से जारी है.
हरियाणा की बेटी का कमाल! नेशनल मिक्स मार्शल आर्ट्स प्रतियोगिता में जीता रजत पद 
बता दें कि यह रेलवे लाइन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी. इस पर 4 मेन ब्रिज, 24 छोटे पुल, 2 रेलवे ओवरब्रिज और दो सुरंग होंगी. bhopal -रामगंज मंडी रेलवे लाइन के ट्रैक को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि इस पर 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकें.
Tags:    

Similar News

-->