सरकार का दावा- 8.84 लाख किसानों का बिजली बिल हुआ जीरो, ये स्कीम आई काम, पढ़ें पूरा मामला
राजस्थान सरकार का दावा
राजस्थान सरकार कृषि क्षेत्र की बिजली को लेकर काफी सतर्क है, ताकि किसान किसी भी सूरत में नाराज न हों. राज्य सरकार ने दावा किया है कि एक योजना की वजह से 8 लाख 84 हजार किसानों का बिजली बिल जीरो हो गया है. ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने इसे बड़ी सफलता बताया है.
ऊर्जा क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा देते हुए भाटी ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता रही है कि किसानों और आम लोगों पर बिजली का अनावश्यक बोझ न बढ़े. इसीलिए ऊर्जा किसान मित्र योजना के तहत किसानों को 1000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है.
50 हजार कृषि बिजली कनेक्शन जल्द
भाटी ने कहा कि इसी योजना की वजह से 15 लाख किसानों में से 8 लाख 84 हजार के कृषि बिल शून्य हो गए हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही 50,000 नए कृषि कनेक्शन दिए जाने का प्रस्ताव हैं. इससे किसानों को काफी फायदा होगा.
किसानों को दो फीडरों से मिलेगी बिजली
बूंद-बूंद कृषि योजना के तहत मार्च 2022 तक 75,000 कृषि कनेक्शन देने का लक्ष्य है. किसानों को बिजली की निर्बाध आपूर्ति देने की सरकार की प्राथमिकता बताते हुए भाटी ने कहा कि सभी जिलों में किसानों को दो फीडरों के माध्यम से बिजली देने की दिशा में काम जारी है.
10 प्रतिशत रकम देकर जुड़वा सकते हैं कनेक्शन
ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि जिन किसानों के कृषि कनेक्शन के बिल अधिक हैं, उनके लिए भी सरकार संवेदनशील है. ऐसे किसान अपने बिल की 10 प्रतिशत राशि जमा करवा कर कनेक्शन जुड़वा सकते हैं.
फसलों की सिंचाई के लिए कम नहीं होगा पानी
भाटी ने स्पष्ट किया कि सिंचाई पानी के मुद्दे पर किसानों को जो भी समस्या आ रही है, उसका मिल-बैठकर समाधान किया जाएगा. बांधों में उपलब्धता के अनुसार सिंचाई के लिए पानी का वितरण किया जाएगा. मौजूदा समय में बांधों में पानी कम है, इसलिए सिंचाई के लिए पानी का वितरण महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि किसानों को अपनी फसलों के लिए पर्याप्त पानी मिल सके.
कोयला खदानों से संपर्क में है राज्य सरकार
सौर ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान को देश में प्रथम बताते हुए भाटी ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से निवेशक यहां निवेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं. कोयला संकट और बिजली की निर्बाध आपूर्ति के सवाल पर भाटी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है. कोयला खदानों के साथ-साथ बिजली कंपनियों के साथ भी सरकार लगातार संपर्क में है.