Dungarpur डूंगरपुर: सोम-जाखम-माही के त्रिवेणी संगम पर पूर्णिमा तिथि को बेणेश्वर मुख्य मेला में लोक नृत्य गैर की धूम रही वहीं विभिन्न प्रतियोगिताओं ‘वागड़ श्री’, ‘वागड़ नी रुपारी’, साफा बांधना एवं गैर प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया।
राजस्थान सरकार जिला प्रशासन डूंगरपुर, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, जिला खेल विभाग एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवस विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके तहत मुख्य मेला पूर्णिमा तिथि पर बुधवार को आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों में स्थानीय लोक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हुए लोगों ने उत्साह से भाग लिया।
जिला खेल अधिकारी नरेश डामोर ने बताया कि कार्यक्रम में बतौर अतिथि पूर्व सांसद कनकमल कटारा, आसपुर विधायक उमेश डामोर, विधायक धरियावद थावरचंद, साबला प्रधान ललिता देवी, दोवड़ा प्रधान सागर अहारी, देबरिया सरपंच दौलपुरा, समाजसेवी बद्रीलाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद हनुमान सिंह राठौड़, उपखण्ड अधिकारी सोनू लाल गुर्जर, तहसीलदार साबला वालसिंह राणा, नेहरू युवा केंद्र जिला समन्वयक प्रदीप कुमार मीणा, महिला अधिकारिता सहायक निदेशक मोतीलाल मीणा सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य, अधिकारी मंचासीन रहें। अतिथियों ने ढ़ोल एवं लोक वाद्य यंत्र बजाकर शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में विजेता रहे प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा पुरूस्कृत कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का परंपरागत तरीके से स्वागत अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम का संचालन कन्हैयालाल व्यास एवं नानूराम डेंडोर ने किया।
इन्होंने दिया सहयोगः
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिताओं तथानी आयोजनों में शारीरिक शिक्षक संगीता देवी, अरविन्द डामोर , महेश जोशी सोमेश्वर भगोरा, जीवराम डामोर, रमेशचंद्र रोत, बंसीलाल डामोर, मरताराम ननोमा, देवीलाल डामोर, गजेंद्र साद, राजेंद्र तावड, नरेंद्र टेलर, रतनलाल तराल, लोकेश परमार, बसन्ती मीणा, जगनाथ परमार ने तीन दिवस में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।
यह रहंे परिणाम
जिला खेल अधिकारी नरेश डामोर ने बताया कि गैर नृत्य प्रतियोगिता में पहला स्थान ओडवाल, दूसरा स्थान बस्सी अहाड़ा तथा तीसरा स्थान बारी सिया तलाई के दल ने अर्जित किया। इसी प्रकार साफा बांधो प्रतियोगिता में प्रथम स्थान स्थान लक्ष्मण लाल , द्वितीय स्थान दिनेश गहलोत ने अर्जित किया।
कार्यक्रम का आकर्षण का केंद्र प्रतियोगिता में पारंपरिक परिधान और आभूषणों से सजे कमलेश बरोट आसपुर श्वागड़ श्रीश् विजेता जबकि दूसरा स्थान खेमराज डेंडोर बांसवाड़ा रहें तथा गामडी अहाडा की रानू रोत श्वागड़ नी रुपारीश् बनी तथा दूसरा स्थान नियल बरगोट पाल निठाउवा ने प्राप्त किया । सभी प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।