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महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत, जनवरी में खुदरा महंगाई दर पांच महीने के निचले स्तर 4.31 प्रतिशत रही

jantaserishta.com
12 Feb 2025 11:57 AM GMT
महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत, जनवरी में खुदरा महंगाई दर पांच महीने के निचले स्तर 4.31 प्रतिशत रही
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नई दिल्ली: भारत में महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए खुशखबरी है। जनवरी में खुदरा महंगाई दर गिरकर पांच महीने के निचले स्तर 4.31 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे पहले दिसंबर में यह 5.22 प्रतिशत पर थी। यह जानकारी सरकार द्वारा बुधवार को जारी किए गए डेटा में दी गई।
महंगाई में कमी ऐसे समय पर आई है जब बीते हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से रेपो रेट को 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कमी करके 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है। महंगाई में गिरावट की वजह खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी होना है। जनवरी में खाद्य महंगाई दर 6.02 प्रतिशत रही है। यह दिसंबर में 8.39 प्रतिशत थी। यह खाद्य महंगाई दर का अगस्त, 2024 के बाद सबसे निचला स्तर है।
बीते महीने खाद्य महंगाई दर ग्रामीण इलाकों में 6.31 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 5.53 प्रतिशत रही है। ग्रामीण इलाकों में समग्र महंगाई दर जनवरी में 4.64 प्रतिशत रही है, जो कि दिसंबर में 5.76 प्रतिशत पर थी। वहीं, शहरी इलाकों में समग्र महंगाई दर बीते महीने 3.87 प्रतिशत रही है, जो कि दिसंबर में 4.58 प्रतिशत पर थी। हाउसिंग महंगाई दर जनवरी 2025 में 2.76 प्रतिशत रही है, जो कि दिसंबर में 2.71 प्रतिशत थी।
सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, "जनवरी महीने के दौरान सकल महंगाई दर और खाद्य महंगाई दर में मजबूत गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों, अंडा, दालें, अनाज, शिक्षा, कपड़े और स्वास्थ्य महंगाई दर में गिरावट है।"
जनवरी में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले नारियल तेल की कीमत में 54.20 प्रतिशत, आलू के दाम में 49.61 प्रतिशत, नारियल की कीमत में 38.71 प्रतिशत, लहसुन की कीमत में 30.65 प्रतिशत और मटर (सब्जी ) की कीमत में 30.17 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
वहीं, सालाना आधार पर जीरे की कीमत में -32.25 प्रतिशत, अदरक की कीमत में -30.92 प्रतिशत, सूखी मिर्च की कीमत में -11.27 प्रतिशत, बैंगन में -9.94 प्रतिशत और एलपीजी (वाहन को छोड़कर) की कीमत में -9.29 प्रतिशत की कमी आई है। ईंधन और बिजली की कीमत में महंगाई दर जनवरी में -1.38 प्रतिशत रही है। दिसंबर 2024 में यह -1.33 प्रतिशत थी। यह दिखाता है कि ईंधन की कीमतों में कमी आ रही है।
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