Dungarpur: किसान आयोग के अध्यक्ष चौधरी कृषक संवाद कार्यक्रम में सीधे रूबरू हुए
Dungarpur डूंगरपुर । किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सी आर चौधरी ने कहा कि किसानों का आर्थिक रूप से उन्नयन करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और इस हेतु ही किसान संवाद कार्यक्रम के माध्यम से सीधे उनके बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुनकर उनका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। यह बात उन्होंने बुधवार को राजमाता विजयराजे सिंधिया ऑडिटोरियम डूंगरपुर में आयोजित कृषक संवाद कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों से संवाद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की महत्ता समझकर किसान भाईयों ने यहां आकर मुखरता के साथ अपने सुझाव रखें तथा यहां की भौगोलिकता के अनुसार समस्याओं को बताया है, एक-एक विचार को अंकित किया गया है तथा सक्षम स्तर तक पहुंचाकर समधान का पूरा प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने जिले में डेयरी प्लान्ट लगवाने के सुझाव को गंभीरता के साथ पूर्ण करने हेतु प्रयास करने की बात कही वहीं जैविक खेती को बढ़ावा देने, जैविक खेती हुए सरकार द्वारा मार्किंटिंग एवं अलग से मंडी चलने की भी जानकारी दी। उन्होनंे भीखा भाई नहर परियोजना विस्तार, चारदिवारी, अनुदान, फसल बीमा, मुआवजा सहित अन्य सुझावों को भी सक्षम स्तर तक पहुंचाकर समस्याओं के समाधान हेतु पूर्ण पं्रयास करने की बात कही। उन्होंने बतौर किसान आयोग अध्यक्ष राज्य सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि में दो हजार का अतिरिक्त सहयोग देने की पहल की सराहना कर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होंने जिले में छोटे एवं सीमांत कृषकों को अपनी आय बढ़ाने के लिए फलदार वृक्ष लगाने, पोल्ट्री फार्म, दुग्ध उत्पादक पशु पालन, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन का भी सुझाव दिया।
इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबुलाल खराडी ने कहा कि अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति के उन्नति के लिए सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने फसल बीमा, गिरदावरी, जैविक खेती तथा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए सरकार द्वारा किसानों के हितों में लिए गये निर्णयों की जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक सागवाडा शंकर डेचा ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे किसानों को अपनी बात रखने का सीधा मंच मिला है और जो समस्याएं तथा उनके संदर्भ आयें सुझाव पर अमल करते हुए निश्चित रूप से उनका समाधान का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व सांसद कनकमल कटारा ने बतौर किसान आने वाली समस्याओं को बताते हुए उनके लिए समय-समय पर सरकार द्वारा योजनाओं के माध्यम से किये जा रहें प्रयासों के बारें में बताते हुए कहा कि किसान को भी जागरूक होकर योजनाओं से लाभ उठाना होगा। उन्होंने जनजाति क्षेत्र में सभी वर्ग के किसानों को कृषि बिजली निःशुल्क, गिरदावरी क्षेत्रवार सर्वे कराने जैसे सुझाव दिए। कार्यक्रम में पूर्व राज्य मंत्री सुशील कटारा ने कहा कि हमें ऐसे समन्वित प्रयास करने होंगे तथा क्षेत्र अनुसार ऐसी योजनाएं बनानी होंगी जिससे बदलाव आए। समाजसेवी बंशीलाल कटारा ने जिले की भौगोलिकता बताते हुए पंचायत समिति स्तर तक दुग्ध संग्रहण सेंटर खोलने, बारह क्षेत्र अनुसार अनुकुलित बीज हेतु प्रोसेसिंग युनिट खोलने तथा उचित दाम पर उपलब्धता की बात कही। इस अवसर पर जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने जिले में चल रही कृषि और उद्यानिकी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
ये अतिथि रहें मंचासीन
कार्यक्रम जनजाति क्षेत्रीय मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी के मुख्य आतिथ्य, किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सी आर चौधरी की अध्यक्षता एवं जिला प्रमुख श्रीमती सूर्या अहारी, विधायक सागवाड़ा श्री शंकर डेचा, नगरपरिषद सभापति अमृतलाल कलासुआ, पूर्व सांसद श्री कनकमल कटारा, पूर्व राज्य मंत्री श्री सुशील कटारा, जिला कलक्टर श्री अंकित कुमार सिंह, समाजसेवी श्री हरीश पाटीदार, श्री प्रभु पंडया, श्री बंसीलाल कटारा, उप सभापति सुदर्शन जैन, धान बिछीवाड़ा देवराम रोत, प्रधान सागवाड़ा ईश्वर सरपोटा, गलियाकोट प्रधान जयप्रकाश पारगी, किसान संगठन के जिला अध्यक्ष गोविंद पाटीदार, श्री भूरालाल पाटीदार अतिरिक्त निदेशक कृषि उदयपुर, पार्षद अशोक चौबीसा तथा गणमान्य अतिथियों के विशिष्ट आतिथ्य में कृषक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया । इस मौके पर परंपरागत तरीके से अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संयुक्त निदेशक कृषि परेश पण्डया ने कृषक सवांद कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में कृषक एवं पशुपालक मौजूद रहे। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन हार्टीकल्चर उपनिदेशक दलसिंग गरासिया ने किया तथा संचालन धनेश्वर पण्डया ने किया। इस अवसर पर पुनमचंद लबाना, प्रगतिशील पशुपालक सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहें।
सुझाव पत्रक में किसानों ने दिए सुझाव
कृषक संवाद कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थित कृषकों को जनकल्याणकारी किसान योजना पुस्तिका के साथ ही सुझाव पत्रक विपरीत किए गए हैं जिसमें किसानों ने अपनी समस्याओं एवं सुझावों के बारें में अंकित किया है।
इन्होंने रखे सुझाव
संवाद कार्यक्रम के तहत नाथुलाल पाटीदार, नटवर सिंह चौहान, लल्लू राम पाटीदार, खातुराम रोत, ईश्वर सिंह, भरत परमार, प्रभु पटेल, प्रकाश चंद्र ननोमा, खेमराज डेडोर, यशपाल, गौरीशंक कटारा, राकेश सहित अन्य प्रगतिशील किसानों ने सुझाव रखे।
यह रखे प्रमुख सुझाव
वन्य जीव से सुरक्षा हेतु तारबंदी की जगह चारदिवारी की योजना बने, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए बड़े डेयरी प्लांट को लगाया जाए, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए आम की फसल बीमा को जनवरी से जून तक किया जाए, खरीफ फसल 2023 के फसल खराबा में जो वंचित रहे उन्हें मुआवजा दिलाया जाए, सिंचाई के लिए भीखा भाई नहर को चिखली-चौरासी क्षेत्र तक बढ़ाया जाए, फसल बीमा का पूरा लाभ दिलवाया जाए, सहकारी समिति पर समय पर खाद उपलब्ध करवाया जाए, ट्रैक्टर की जगह गाय पर अनुदान दिया जाए ताकि जैविक खेती को बढ़ावा मिले, गोबर संयंत्र की स्थापना हो, जैविक खेती को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए, नवीन बीज एवं फलदार पौधे उपलब्ध करवाए जाएं, बीमा ऐच्छिक किया जाए, सोयाबीन का दाम निर्धारित किया जाए, कुओं का गहरीकरण किया जाए, बकरी एवं भैंसों का भी बीमा किया, मनरेगा के तहत बबुल की झाडियां कटवाई जाए, जल जीवन मिशन में पानी की सप्लाई का समय निर्धारित हो आदि सुझाव प्रमुखता से दिए गए।