Dungarpur: जीवन के हर उतार-चढ़ाव में अटल जी सदैव अटल रहे सुशासन दिवस पर पुष्पांजलि
Dungarpur डूंगरपुर । भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में बुधवार को राज्य सुशासन दिवस मनाया गया। डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर ईडीपी सभागार में पुष्पांजलि, अटल विचार गोष्ठी एवं अटल कविता पाठ, सुशासन रैली निकाली गई। वहीं, नगर निकायों, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर भी पुष्पांजलि, अटल विचार गोष्ठी, कविता पाठ, सुशासन रैली का आयोजन कर अटल जी के राष्ट्र के विकास में योगदान को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ईडीपी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने अटल जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और सुशासन शपथ दिलवाई। अतिरिक्त जिला कलक्टर दिनेश धाकड़, जिला परिषद सीईओ हनुमान सिंह राठौड़, समाजसेवी बंशीलाल कटारा, कमलेश पुरोहित सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी और स्कूली बच्चों ने अटल जी को पुष्पांजलि अर्पित की।
कार्यशैली में अपनाएं सुशासन की अवधारणा- जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह
अटल विचार गोष्ठी में सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। बतौर प्रधानमंत्री उनके निर्णयों से हमें प्रेरणा मिलती है। परमाणु हथियार, कारगिल युद्ध और दूरसंचार क्रांति जैसे निर्णयों ने देश को मजबूत बनाया। हर व्यक्ति को उनके जीवन से सीखना चाहिए। लोक कल्याण के लिए सुशासन की दिशा में सतत कार्य किए। हाल ही सुशासन सप्ताह के दौरान भी यही प्रयास किया गया कि जनता को समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और जवाबदेह प्रशासन मिले। सभी अधिकारी सरकार की सुशासन की मंशा अपनी कार्यशैली में उतारें। समाजसेवी बंसीलाल कटारा ने कहा कि अटल जी ने कहा था कि भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं यह एक जीता जागता राष्ट्र पुरुष है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अटल जी के आदर्शों को आगे बढ़ा रहे है। आज की डिजिटल क्रांति अटल जी के दूरदर्शिता का परिणाम है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए प्रयास करें और डूंगरपुर, राजस्थान और भारत को विकसित बनाने में अपना योगदान दें। हम जहां भी जिस भी भूमिका में रहें यह चिंतन करें कि हम जो कर रहे हैं उसका क्या परिणाम होगा। यही हमारी अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वक्ता कमलेश पुरोहित ने कहा कि चाहे राजनीति हो चाहे निजी जिंदगी, बतौर प्रधानमंत्री हों या बतौर नेता विपक्ष, एक कवि की छवि हो या दोस्ती की दास्तां। अगर जीवन के हर पहलू में आदर्श के साथ किसी के अटल होना का जिक्र आएगा, तो निःसंदेह उस फेहरिस्त में सबसे आगे अटल बिहारी वाजपेयी जी का नाम आएगा। बचपन से ही मेधावी अटली जी कहते थे राष्ट्र सर्वोपरि होता है, उसके बाद पार्टी और बाद में व्यक्ति। उन्होंने सबका साथ, सबका विकास की राह दिखाई। हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि जो पीछे रह गए हैं, उनको आगे बढ़ाएं। कोई चलता पद चिन्हों पर कोई पद चिन्ह बनाता है... अटल जी भी ऐसी ही शख्सियत थे। वक्ता डायालाल डामोर ने कहा कि जीवन के हर उतार-चढ़ाव में अटल जी सदैव अटल रहे। नए भारत के निर्माण में अटल जी का योगदान अतुलनीय है। सुशासन के आधार स्तंभ हैं अटल जी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, स्वर्णिम चतुर्भुज, नदियों को जोड़ने की परिकल्पना, भारत माला, सागर माला प्रोजेक्ट, गरीब कल्याण के लिए किए गए कार्यों ने देश को शक्ति सम्पन्न बनाया। वे विदेशी प्रतिबंधों के सामने नहीं झुके। मौली भट्ट, सानिया डामोर, नरेश मनात सहित अन्य स्कूली बच्चों ने कविता पाठ किया।
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