CM बोले 16 तारीख को मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई, आइये जानते हैं पूरा मामला विस्तार में

दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी से मुलाकात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को राहुल गांधी से मेरी कोई मुलाकात हुई।

Update: 2021-10-23 13:36 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेसक | दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी से मुलाकात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को राहुल गांधी से मेरी कोई मुलाकात हुई। हम लोग सिर्फ वर्किंग कमेटी की बैठक में मिले थे। इस दौरान हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई। हालांकि, इससे पहले भी गहलोत के OSD ने राहुल-गहलोत की मुलाकात का खंडन किया था।

गहलोत ने कहा-‌ वर्किंग ‌‌कमेटी की मीटिंग में प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन भी थे। उन्होंने कहा कि जब तक कैबिनेट का पुनर्गठन नहीं होगा, तब तक अफवाहों के खेल में मीडिया फंस गया है। गहलोत शनिवार को एसएमएस अस्पताल में गांधीवादी सुब्बाराव से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थ

राहुल के घर पर बैठक थी, फिर भी गहलोत से नहीं मिले

16 अक्टूबर को राहुल गांधी के घर पर बैठक होने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उनसे मुलाकात नहीं हुई। खुद गहलोत ने साफ कर दिया कि इस बार के दिल्ली दौरे में न सोनिया गांधी और न राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात की। राहुल गांधी के घर पर हुई बैठक को लेकर सियासी गलियारों में जिस तरह की चर्चाएं चलीं, उसका गहलोत ने खुद सामने आकर जिस अंदाज में खंडन किया है, उसने भी नई चर्चाओं को बल दे दिया है। गहलोत मीडिया पर भी जमकर बरसे और यहां तक कह दिया कि मुझे शर्म आती है कि मीडिया कहां जा रहा है।

सात दिन बाद गहलोत के बयान देने से नई चर्चाएं

राहुल गांधी के घर पर बैठक वाले दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रभारी अजय माकन ने मीडिया के सवालों का जवाब देना उचित नहीं समझा था। उस दिन सभी नेता बिना रुके और मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना सीधे निकल गए थे। राहुल के घर बैठक के बारे में कोई ब्योरा नहीं देने से सियासी हलकों में अलग-अलग अटकलें लगाई जाने लगीं। अटकलें जब मुख्यमंत्री के खिलाफ जाने लगीं तो तीन दिन पहले ओएसडी से खंडन करवाया। आज गहलोत ने खुद मोर्चा संभाला है। गहलोत के सात दिन बाद बयान जारी करने के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक चर्चाओं पर गहलोत पहले कभी इतने आक्रामक नहीं हुए, लेकिन इस बार तेवर बदले हुए हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक गहलोत के इस तरह के तेवर नए सियासी समीकरणों का इशारा कर रहे हैं।

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