राजस्थान में पेपर लीक करने वालों के लिए सीएम गेहलोत ला रहे उम्रकैद बिल

Update: 2023-07-06 10:09 GMT

राजस्थान:  राजस्थान सरकार पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ एक सख्त कदम उठाने जा रही है जहां लगातार पेपर लीक होने के बाद युवाओं का आक्रोश झेलने वाली सरकार चुनावों से पहले अब कानून को मजबूत बनाएगी. मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले विधानसभा सत्र में सरकार पेपर लीक के दोषियों की सजा को 10 साल से बढ़ाकर उम्रकैद करने के लिए एक बिल लेकर आ रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए विधेयक लाने का फैसला किया गया है जिसके लिए मुख्य सचिव को निर्देशित किया है.मालूम हो कि राजस्थान सरकार ने पिछले साल मार्च में पेपर लीक को रोकने के लिए दोषियों को 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान करते हुए एक बिल पेश किया था. इसके अलावा इस बिल में पेपर लीक में शामिल लोगों की संपत्ति कुर्क करने तक का भी प्रावधान था. हालांकि इस बिल के आने के बाद भी आरपीएससी सैकेंड ग्रेड पेपर लीक हो गया था ऐसे में इस कानून के सख्त प्रावधान को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे थे. ऐसे में आइए जानते हैं कि राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में पेपर लीक रोकने के लिए किस तरह के प्रावधान किए गए हैं.

यूपी में लगता है सीधा NSA

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पेपर लीक को वहां संगठित अपराध की श्रेणी में माना है जिसके मुताबिक राज्य में किसी परीक्षा का पेपर लीक होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धारा लगाते हुए पुलिस केस दर्ज करती है. इसके अलावा पेपर लीक में केस दर्ज होने के बाद जब कोर्ट में आरोपी को दोषी मान लिया जाता है तो सरकार की ओर से उसकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाती है. वहीं दोषियों के घरों पर बुलडोजर भी चलाया जाता है. गुजरात में लगता है 1 करोड़ तक जुर्मानाहम अगर गुजरात की बात करें तो वहां की सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हुए हैं जहां फरवरी 2023 में ही गुजरात सरकार ने विधानसभा में सार्वजनिक परीक्षा बिल पेश किया था जिसके बाद वहां अब पेपर लीक करने वालों को 3 से 10 साल की सजा देने का नियम बन गया है. वहीं दोषियों से 1 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना भी वसूला जाता है. वहीं जो पेपर खरीदता है उसके लिए भी 2 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है.

हरियाणा में 10 साल की सजा

वहीं राजस्थान के पड़ोसी राज्य हरियाणा में पेपर लीक के मामलों में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है जहां 2 साल पहले ही हरियाणा की खट्टर सरकार ने विधानसभा में नकल विरोधी कानून हरियाणा लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अधिनियम-2021 पारित किया था जिसमें लीक करने वालों को 7 से 10 साल की सजा और 10 लाख रुपए के जुर्माने के नियम बनाए गए थे. वहीं दोषियों की प्रॉपर्टी नीलाम करने का भी कानून में प्रावधान था.

बिहार में नहीं है कोई कानून

बिहार में भी पेपर लीक एक बड़ी समस्या है लेकिन बिहार सरकार सख्ती तो बरत रही है लेकिन इसके लिए कोई अलग से कानून नहीं है. वहीं बिहार में लीक में पाए गए आरोपियों के खिलाफ केस में सख्त धारा लगाई जाती है. इसके अलावा उत्तराखंड की बात करें तो वहां पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर उसकी उसकी संपत्ति जब्त करने के साथ ही गैंगस्टर कानून में मामवा दर्ज किया जाता है.

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