अजमेर। अजमेर मई माह में शहर को 252 करोड़ रुपए खर्च कर मिली एलिवेटेड रोड लोगों को राहत तो नहीं, अलबत्ता बदहाली का दंश जरूर दे रही है। एलिवेटेड रोड के नीचे से गुजरने वाली सर्विस लेन के हाल एलिवेटेड रोड निर्माण कार्य शुरू होने से पहले से ही करीब तीन साल से बेहाल हैं। शहरवासियों को त्योहारी सीजन में भी इन सड़कों पर धक्के और झटके खाते हुए ही गुजरना होगा। अधिकारियों के पास इसके लिए लिए बजट का टोटा है, जिससे काम नहीं होने का तर्क दिया जा रहा है। एलिवेटेड रोड बनने के बाद कचहरी रोड, स्टेशन रोड, पीआर मार्ग के हालात सुधरने की उम्मीद थी लेकिन हालात इसके उलट हो चले हैं। फिलहाल नीचे की सड़कें जल्द दुरुस्त होना दूर की कौड़ी नजर आ रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारियों तक को नहीं पता कि इसके बजट का इंतजाम कहां से और कब होगा। उधर, आमजन से सीधे जुड़े इस मामले में विभागीय अभियंताओं से पूछे जाने पर वे ठोस कार्रवाई करने के बारे में नहीं बता रहे, बल्कि केवल रस्मी बयान देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
पहले भी कई बार पत्र दिए जा चुके हैं। स्मार्ट सिटी बजट उपलब्ध कराए तो सड़क की कारपेटिंग कर दी जाएगी। फिर पत्र लिख कर मांग की जाएगी। एलिवेटेड रोड बनाने वाले ठेंकेदार की शर्त में शामिल है कि सर्विस लेन कंपलीट कर दी जाएगी। हमारे विभाग के अधीन फिलहाल सड़क नहीं है। स्टेशन रोड, गांधी भवन, आगरा गेट, महाराष्ट्र मंडल आदि क्षेत्रों में सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। हर कहीं बड़े-बड़े गड्ढे हैं। पांच दिन बाद नवरात्र के साथ त्योहारी सीजन के दौरान यातायात का दबाव बढ़ेगा। गड्ढों के कारण दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। स्टेशन रोड व कचहरी रोड पर कोरोना काल से पहले एलिवेटेड रोड के पिलर निर्माण का कार्य शुरू हो गया था। तब से ही यह सड़कें क्षतिग्रस्त चली आ रही हैं। इसके बाद बारिश के दौरान किया गया पेचवर्क भी पानी में ही बह गया। जानकारों का कहना है कि 252 करोड़ की एलिवेटेड रोड की योजना के तहत निर्माण के बाद नीचे की सर्विस लेन को अपग्रेड करना था। इस बीच निर्माण कार्य में देरी के चलते बजट 20 करोड़ बढ़ गया। इसे मंजूरी मिलने की प्रक्रिया अटकी हुई है। कार्यकारी एजेंसी को बजट नहीं मिलने से काम अटका हुआ है।