स्मार्ट डेयरी की ओर अजमेर डेयरी का एक और कदम केसर-मावा कुल्फी की हुई लॉञ्चिंग

Update: 2023-05-25 10:09 GMT

अजमेर। स्मार्ट डेयरी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी अजमेर डेयरी के अपने उत्पादों की श्रृंखला में केसर-मावा कुल्फी को भी जोड़ दिया। शनिवार को इसकी लॉञ्चिंग की गई।

अजमेर डेयर के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने कहा कि अजमेर डेयरी अपने नवीन उत्पादों के माध्यम से उपभोक्ताओं को बेहतरीन गुणवत्ता प्रदान करता रहा है। इसी क्रम में शनिवार को केसर-मावा कुल्फी की लॉञ्चिंग की गई। इसमें सरस डेयरी के शुद्ध मावे का उपयोग लिया गया है। यह इसके स्वाद को यादगार बनाने में सक्षम है। कुल्फी में शुद्ध केसर उपयोग में ली गई है। यह केसर उपभोक्ता को कुल्फी का अलग ही महक तथा स्वाद देता है। इसे अगले दो दिनों में बाजार में उतारा जाएगा। इसकी 60 मीली के पैंकिंग की कीमत शुरूआत में केवल 20 रूपए रखी गई है। इसके निर्माण मेें केवल प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया गया है। किसी प्रकार के कृत्रिम रंग, गंध एवं संरक्षी पदार्थो से मुक्त होने के कारण स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। इसकी मार्केटिंग समस्त सरस डेयरी बूथों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर तक की जाएगी।

जल्द ही मिलेगा हापुस आम की कुल्फी का आनन्द

उन्होंने कहा कि अजमेर डेयरी में उत्पादों की नवीन श्रृंखला आरम्भ करने की परम्परा रही है। केसर मावा कुल्फी के तुरन्त पश्चात आम कुल्फी का उत्पादन किया जाएगा। इसका प्रायोगिक उत्पादन आरम्भ भी किया है। परीक्षण मेें इसके श्रेष्ठ परिणाम सामने आए है। आम कुल्फी को बनाने में सरस का शुद्ध मावा तथा हापुस आम का प्रयोग होगा। इसका निर्माण भी कृत्रिम सामग्री रहित है। समस्त सामग्री ताजी तथा प्राकृतिक होने से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। गर्मी के मौसम में शुद्ध, प्राकृतिक एवं स्थानीय उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। इसमें स्थानीय पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा। उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। गृहणियों की मांग पर कढ़ी बनाने के लिए विशेष छाछ भी उत्पादित कर उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने कहा कि मिड डे मील योजना में दूध उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने की प्रक्रिया जारी है। इससे दूध पाउडर की पहुंच तथा भुगतान अपेक्षाकृत शीघ्र तथा समय पर हो जाएगा। दुग्ध संघों द्वारा पर्याप्त मात्रा में दूध पाउडर को आरक्षित रखा गया है। पशु खरीदने के लिए 2 लाख तक का ब्याज मुफ्त ऋण पशुपालकों को सहकारी बैंको के माध्यम से मिलेगा। गौवंश के साथ-साथ भैसों को भी बीमा करवाया जाएगा। पशुओं की लम्पी बिमारी से मृत्यु होने का पुनरीक्षण करवाकर पशुपालकों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निराश्रित पशुओं के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला एवं नन्दीशाला आरम्भ की जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को लगभग एक करोड़ की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। अजमेर डेयरी द्वारा 100 लीटर से अधिक के दुग्ध उत्पाद उपभोक्ता के घर तक डेयरी के खर्चे पर पहुंचाया जाएगा। इसी प्रकार 6 लीटर दही की पैंकिंग भी बड़े आयोजनों के लिए पुनः आरम्भ की गई है।

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